पुडुचेरी में बीजेपी नहीं बनाएगी सरकार, राष्ट्रपति शासन की सिफारिश
कार्यकाल पूरा होने से महज तीन महीने पहले नारायणसामी सरकार के जाने के बाद अब राष्ट्रपति शासन के दौरान ही विधानसभा चुनाव होने का रास्ता भी साफ हो गया है.
highlights
- महज 100 दिनों के लिए बीजेपी नहीं बनाएगी पुडुचेरी में सरकार
- राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश, कांग्रेस को दोहरा झटका
- किरण बेदी रूपी कार्ड खोया, अब सरकार रूपी मशीनरी भी
नई दिल्ली:
पुडुचेरी (Puducherry) में वी नारायणसामी सरकार के गिरने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) भी सरकार बना सकती है. हालांकि ऐसी अटकलों को विराम देते हुए केंद्र शासित प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी गई है. विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से महज तीन महीने पहले नारायणसामी सरकार के जाने के बाद अब राष्ट्रपति शासन के दौरान ही विधानसभा चुनाव होने का रास्ता भी साफ हो गया है. राजनीतिक तौर पर कांग्रेस के लिए यह दोहरा झटका. पहला तो किरण बेदी को उपराज्यपाल पद से हटने के रूप में लगा था. दूसरी राष्ट्रपति शासन (President Rule) का है. अब कांग्रेस को अपनी सरकार का लाभ चुनाव में नहीं मिलने वाला है.
शुरुआत से ही नहीं पटी नारायणसामी और बेदी में
किरण बेदी के फैसलों के खिलाफ कई बार राजभवन के बाहर धरने पर बैठे मुख्यमंत्री नारायणसामी की एलजी से हमेशा सरकार चलाने को लेकर खींचतान चलती रही. उनका हर बार आरोप यही रहा कि एलजी एक चुनी हुई सरकार को काम करने नहीं दे रही हैं. चाहे वह हेलमेट प्रकरण हो या फिर टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट... हर बार एलजी और सीएम आमने-सामने आते रहे. आमने-सामने भी आते तो भी गनीमत रहती, बयानबाजी का स्तर भी कई बार निम्न से निम्नतम स्तर को छूता गया. यहां तक कि सीएम ने एक मौके पर उपराज्यपाल बेदी को राक्षस तक करार दे दिया. हाल-फिलहाल बेहद नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस के चार विधायक इस्तीफा दे चुके हैं और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को दौरे पर हैं. इसके ऐन पहले किरण बेदी को हटाए जाने को भले ही कांग्रेस अपनी जीत बता रही हो, लेकिन सच्चाई तो यही है कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने किरण बेदी को हटाकर कांग्रेस के हाथ से एक बहुत बड़ा मुद्दा छीन लिया है.
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किरण बेदी को 100 दिन बाद होना था रिटायर
गौरतलब है कि पुडुचेरी के उपराज्यपाल बतौर किरण बेदी लगभग 100 दिन के बाद रिटायर होने वाली थीं. किरण बेदी ने 29 मई 2016 को पुडुचेरी के उपराज्यपाल की शपथ ली थी. इस हिसाब से 29 मई 2021 को उनका कार्यकाल पूरा होने वाला था, लेकिन इस बीच एक बड़े घटनाक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें उपराज्यपाल के पद से हटा दिया. इसके पहले कई मोर्चों पर पर मुंह की खाने और दिल्ली विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बाद राष्ट्रपति भवन से हुई पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद पर नियुक्ति ने किरम बेदी का राजनीतिक रुतबा फिर बढ़ा दिया था. ऐसे में किरण बेदी मात्र साढ़े तीन महीने बाद एलजी के पद पर अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाली थीं. वह पुडुचेरी के राजभवन से एक सम्मानजनक फेयरवेल की तैयारी कर रही थीं, लेकिन वक्त से पहले ही उनके लिए फरमान जारी हो गया.
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किरण बेदी के जाने से बीजेपी को लाभ!
किरण बेदी को हटाए जाने से एक तो कांग्रेस के पास जल्द होने वाले विधानसभा चुनावों में से एक मुद्दा कम हो गया. दूसरा, नई उप राज्यपाल तमिलनाडु की हैं, पुडुचेरी की राजनीति में तमिलनाडु का काफी असर रहता है. इस लिहाज से यह बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होगा. गौरतलब है कि किरण बेदी ने बुधवार सुबह ट्वीट करके अपने इस कार्यकाल के दौरान सभी के सहयोग पर धन्यवाद दिया है. किरण बेदी ने अपने ट्वीट के साथ वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह अपना संदेश पढ़कर सुना रही हैं. किरण बेदी ने लिखा है, 'पुडुचेरी के उप राज्यपाल के रूप में मेरी यात्रा में शामिल पुडुचेरी की जनता और सरकारी अफसरों को धन्यवाद.'
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