डोकलाम विवाद के बाद भारत आए भूटान नरेश, राष्ट्रपति कोविंद ने सराही भूमिका
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि डोकलाम विवाद सुलझाने में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक की भूमिका बेहद सराहनीय है।
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कहा कि डोकलाम विवाद सुलझाने में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक की भूमिका बेहद सराहनीय है।
यह बात कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक, उनकी पत्नी रानी पेमा जेतसुन वांगचुक और राजकुमार जिग्मे नामग्याल वांगचुक से मुलाकात के बाद कही।
भूटान का शाही जोड़ा मंगलवार को चार दिवसीय सद्भावना दौरे के तहत भारत पहुंचा। बीते जून (2017) में भूटान स्थित डोकलाम क्षेत्र में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने आ गईं थीं।
भूटान के डोकलाम क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुए गतिरोध के मद्देनजर शाही परिवार का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भारत और चीन के सेनाएं भूटान के डोकलाम क्षेत्र में दो महीने तक आमने-सामने रहीं थीं।
King Jigme Khesar Wangchuck of Bhutan, along with the Queen and Royal Prince, called on #PresidentKovind at Rashtrapati Bhavan today pic.twitter.com/p7o4QLKpdQ
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 1, 2017
दोनों देशों की ओर से अपनी सेनाओं को पीछे हटाने के निर्णय के बाद यह विवाद अगस्त में समाप्त हुआ था। यह विवाद चीन द्वारा भूटान के इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य करने की वजह से शुरू हुआ था।
उस समय भारत और भूटान ने कहा था कि बीजिंग का यह कदम भारत-भूटान-चीन के अंतर्राष्ट्रीय तिराहे (ट्राइजंक्शन) पर यथास्थिति का उल्लंघन है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और भूटान की अविभाज्य और साझा सुरक्षा चिंताएं हैं।
बयान के अनुसार, 'कोविंद ने डोकलाम क्षेत्र में विवाद सुलझाने के लिए भूटान नरेश की निजी संलिप्तता, मार्गदर्शन और समर्थन के लिए गहरी सराहना की। उन्होंने कहा कि डोकलाम विवाद सुलझाने के लिए जिस तरह भारत और भूटान एक साथ खड़े हो गए, वह हमारी दोस्ती को दिखाता है।'
कोविंद ने उनके शासन का पहला दशक सफलतापूर्वक पूरा करने और स्थिर, खुशहाल और समृद्ध भूटान के लिए उनके दृष्टिकोण की भी सराहना की।
बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत भूटान में त्वरित विकास और साथ ही पर्यावरण के साथ अपनी विशेष संस्कृति को बचाने के प्रयास को देखकर काफी खुश है।
And next #PresidentKovind introduces himself to the Royal Prince of Bhutan 2/2 pic.twitter.com/JyYKoPdC5Z
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 1, 2017
कोविंद ने कहा, 'भारत अपने ज्ञान, अनुभव और संसाधनों को भूटान के साथ साझा कर काफी खुश है। सरकार और भूटान के लोगों द्वारा स्थापित की गई प्राथमिकता के आधार पर हमारा विकास सहयोग आगे बढ़ता है।'
उन्होंने कहा, 'भारत और भूटान अनुकरणीय द्विपक्षीय संबंध साझा करते हैं। हमारा संबंध विशेष और खास है। हमारा द्विपक्षीय संबंध विश्वास और समझ पर आधारित है। हमें हमारे द्विपक्षीय सहयोग को उदाहरण बनाने के लिए सबकुछ करना चाहिए, ताकि पड़ोसी देशों द्वारा इसे उदाहरण के रूप में लिया जाए।'
भारत और भूटान के बीच सुरक्षा, सीमा प्रबंधन, व्यापार, ट्रांजिट, अर्थव्यवस्था, हाइड्रो-पॉवर, विकास सहयोग और जल संसाधन के संबंध में कई संस्थागत तंत्र स्थापित हैं।
भारत, भूटान में 1416 मेगावाट की तीन हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना स्थापित करेगा। जिसमें से तीन-चौथाई उत्पादित बिजली निर्यात की जाएगी और शेष का घरेलू दोहन किया जाएगा।
भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2016 में दोनों देशों के बीच 8,723 करोड़ का व्यापार हुआ। इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शाही परिवार से यहां मुलाकात की थी।
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