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गुजरात चुनाव से पहले मोदी सरकार ने पिछड़ा आयोग बनाया, तीन महीने में रिपोर्ट

गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सोमवार को सरकार ने पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सब कैटेगरी के परीक्षण के लिए पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है।

Updated on: 03 Oct 2017, 08:17 AM

highlights

  • ओबीसी की सब कैटेगरी के परीक्षण के लिए आयोग गठित
  • अधिक से अधिक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ देने की मंशा

नई दिल्ली:

गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सोमवार को सरकार ने पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सब कैटेगरी के परीक्षण के लिए पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया है।

इसके जरिये अधिक से अधिक पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ देने की मंशा है।

इस आयोग की अध्यक्षता दिल्ली हाईकोर्ट के सेवानिवृत चीफ जस्टिस जी. रोहिणी करेंगी। इस आयोग के गठन का मकसद ओबीसी समुदाय को दी जाने वाली सुविधाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है।

सरकार ने आयोग से अपनी रिपोर्ट 12 सप्ताह के भीतर पेश करने को कहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संविधान के अनुच्छेद 340 के प्रावधान के तहत इस आयोग का गठन किया। यह फैसला महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर लिया गया।

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सरकार ने कहा, 'राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 340 द्वारा दी गई सुविधा का प्रयोग करते हुए अन्य पिछड़ा वर्गो की सब कैटेगरी के परीक्षण के लिए एक आयोग का गठन किया है।'

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आपको बता दें कि मंडल आयोग के बाद अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता है। हालांकि सूचना का अधिकार (आरटीआई) से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों में मात्र 12 फीसदी ओबीसी हैं।

कई जातियों का मानना है कि 27 प्रतिशत आरक्षण में उनका हिस्सा न के बराबर है।