राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) ने शुक्रवार को कहा कि बच्चों से दुष्कर्म करने वालों के लिए दया याचिका का प्रावधान नहीं होना चाहिए. राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे में आया है जब पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ दुष्कर्म व जघन्य अपराधों को लेकर बेहद नाराजगी है. रामनाथ कोविंद ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेज (पॉक्सो) एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका की अनुमति नहीं होनी चाहिए.'
महिलाओं की सुरक्षा को गंभीर मुद्दा बताते हुए उन्होंने कहा, 'संसद को दया याचिकाओं पर पुनर्विचार करना चाहिए.'
राष्ट्रपति ने दया याचिकाओं के संबंध में संविधान में संशोधन का आह्वान किया.
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उन्होंने कहा कि मैंने सिफारिश की है कि दया याचिका के संदर्भ में संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. मेरी राय में पॉक्सो एक्ट में दोषी करार दिए गए लोगों को दया याचिका की सीमा में नहीं आने देना चाहिए.
राष्ट्रपति ने कहा कि दुष्कर्मियों के लिए कोई दया नहीं होनी चाहिए. इस तरह की घटनाओं से पूरा देश स्तब्ध होता है.
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उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप मेरी भावनाओं को समझते हैं, लेकिन इस संविधान संशोधन पर अंतिम निर्णय संसद को लेना है.
संसद ने इस साल अगस्त में पॉक्सो एक्ट में संशोधन किया है और जघन्य दुष्कर्म के मामले में मौत की सजा को शामिल किया है.
Source : आईएनएस