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राम मंदिर निर्माण के अगले चरण की तैयारी, निर्माण समिति की आज अहम बैठक

दिल्ली में राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक 22 नवंबर को होने जा रही है. इसके साथ ही मंदिर निर्माण की अन्य योजनाओं और मंदिर परिसर प्रॉजेक्ट्स पर देश भर के आर्किटेक्ट से मांगी गई डिजाइन पर भी चर्चा सकती है. 

Updated on: 22 Nov 2020, 09:56 AM

नई दिल्ली:

राम मंदिर (Ayodhya Ram mandir) निर्माण के अगले चरण की तैयारी शुरू हो गई है. दिल्ली में मंदिर निर्माण समिति की बैठक 22 नवंबर को होने जा रही है. इसके साथ ही मंदिर निर्माण की अन्य योजनाओं और मंदिर परिसर प्रॉजेक्ट्स पर देश भर के आर्किटेक्ट से मांगी गई डिजाइन पर भी चर्चा सकती है.  

आज होने वाली बैठक में समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एलएंडटी, वी सोमपुरा कंपनी की तकनीकी टीम से मंदिर के 1200 पिलर्स के निर्माण को लेकर मंथन करेंगे. मंदिर परिसर की डिजाइन को लेकर भी आज बड़ा फैसला हो सकता है.  

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रामजन्मभूमि ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बैठक के विषय को टालते हुए कहा कि तकनीक विशेषज्ञों का जो कार्य है, वह उन्हीं के स्तर से ही निपटेगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में हम चाहकर भी कोई जल्दबाजी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इन्हीं कारणों से ही मंदिर निर्माण में साढ़े तीन साल का वक्त लगने का अनुमान लगाया गया है. डॉ. मिश्र ने बताया कि आईआईटी, चेन्नई व सीबीआरआई, रुड़की के विशेषज्ञ अपने अनुसंधान कार्य में लगे हैं. उनकी फाइनल रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कार्य शुरू होगा. बताया गया कि फाउंडेशन निर्माण से पहले टेस्ट पाइलिंग के जरिए बनाए गए स्तम्भ भी फाउंडेशन का ही हिस्सा हैं. रिपोर्ट आने के बाद इसके आगे की प्रक्रिया प्रारम्भ हो जाएगी.

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8 महीने लगेंगे मंदिर नींव के पिलर्स के निर्माण में
मंदिर के प्रमुख आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक एल एंड टी कंपनी मंदिर के नींव 1200 पिलर्स को तैयार करने में 6 से 8 महीने का समय ले सकती है. उसी के बाद पत्थरों का काम उनकी कंपनी शुरू करेगी. जिसकी तैयारी कर ली गई है. मंदिर कार्यशाला में तराशकर रखे गए करीब डेढ़ लाख घनफीट पत्थरों से ग्राउंड फ्लोर तैयार हो जाएगा. मंदिर के फर्स्ट और सेकंड फ्लोर के निर्माण के लिए करीब सवा तीन लाख घन फीट और पत्थरों की जरूरत पड़ेगी. इसे राजस्थान की भरतपुर की खादान से सप्लाई लेने को लेकर वार्ता चल रही है.