logo-image

चीन के उत्पादों पर ऑनलाइन मार्केट में सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी

ई-कॉमर्स वेबसाइटस को उनके पास उपलब्ध हर सामान को बनाने वाले देश की जानकारी दिए जाने का निर्देश देने की मांग वाली अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.

Updated on: 01 Jul 2020, 02:01 PM

नई दिल्ली:

ई-कॉमर्स वेबसाइटस को उनके पास उपलब्ध हर सामान को बनाने वाले देश की जानकारी दिए जाने का निर्देश देने की  मांग वाली अर्जी पर  दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. अमेज़न, फ्लिपकार्ट , स्नैपडील जैसी वेबसाइट को भी दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया है.दरअसल इस याचिका को दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर  उपभोक्ताओं के पास  किसी प्रोडक्ट के बनाने वाले देश की जानकारी होगी, तो निश्चित तौर पर  स्वेदशी सामान की बिक्री ज़्यादा होगी.

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट का केंद्र सरकार औऱ बाकी वेबसाइट को नोटिस भेजने का मतलब ये भी है कि अब चीनी उत्पादों पर भारत में रोक लगाई जा सके. वहीं दूसरी तरफ पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में गलवान घाटी (Galwan Valley) में स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच भारत को संदेह है कि चीन अमान्य व्यापारिक तौर-तरीकों को अपनाते हुए हांगकांग (Hongkong) और सिंगापुर (Singapore) जैसे किसी तीसरे देश के माध्यम से व्यापार की कोशिश कर सकता है. हालांकि भारत (India) ने फिलहाल वैध तरीके से होने वाले व्यापारिक आदान-प्रदान पर चीन (China) को लेकर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगया है. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक जिन देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA), तरजीही व्यापार समझौते (PTA) या अन्य द्विपक्षीय व्यावसायिक-व्यापारिक समझौते हैं, उन देशों के जरिए चीन भारत में सामान और निवेश बढ़ा सकता है.

एफडीआई घटा औऱ आयात बढ़ा

अगर आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि चीन से कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) घटा है, लेकिन कई भारतीय फर्मों ने चीनी निवेश प्राप्त किया है. इसी तरह, चीन से आयात में हाल ही में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन उसी समय हांगकांग और सिंगापुर से आयात में वृद्धि हुई है. इन आंकड़ों से पता चलता है कि कुछ गड़बड़ है और उसकी जांच की जरूरत है. फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के अनुसार चीन के साथ भारत का व्यापार 2019 में 6.05 बिलियन डॉलर घटा है. यह अब 51.25 बिलियन डॉलर तक सीमित हो गया है. वहीं, 2019 में हांगकांग का व्यापार 5.8 बिलियन डॉलर के करीब बढ़ा है. इसी प्रकार, सिंगापुर के साथ भारत का व्यापार घाटा पिछले वित्तीय वर्ष में 5.82 बिलियन डॉलर था