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बजट से पहले की तैयारी, निर्मला सीतारमण ने BJP नेताओं समेत इनसे की चर्चा

वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं, किसान, मजदूर संघों सहित विभिन्न पार्टी मोर्चो के सदस्यों, विशेषज्ञों से पार्टी मुख्यालय में चर्चा की.

Updated on: 09 Jan 2020, 08:35 PM

दिल्ली:

वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रवक्ताओं, किसान, मजदूर संघों सहित विभिन्न पार्टी मोर्चो के सदस्यों, विशेषज्ञों से पार्टी मुख्यालय में चर्चा की. सीतारमण ने भाजपा मुख्यालय में पार्टी पदाधिकारियों से चार दौर की चर्चा की और उनकी राय ली. भाजपा महासचिव अरूण सिंह ने इस बारे में कहा, ‘वित्त मंत्री ने पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों के साथ बैठक की और संवाद किया. हमें विश्वास है कि आगामी बजट लोकोन्मुखी होगा.'

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर दो चरणों में तीन अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान एक फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट पेश किया जायेगा. सीतारमण ने पार्टी पदाधिकारियों और विभागों एवं मोर्चा के अधिकारियों के साथ ऐसे समय में बैठक की है, जब चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के गिरकर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान सरकार ने लगाया है. पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार गांव, गरीब के कल्याण को समर्पित है. लोक कल्याण सरकार का भी एजेंडा है और पार्टी का भी.

बैठक में सीतारमण के अलावा पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव, अरूण सिंह, भाजपा प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन, जी वी एल नरसिम्ह राव, पार्टी प्रवक्ता (आर्थिक मामला) गोपाल अग्रवाल आदि मौजूद थे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पिछले महीने सालाना बजट के मद्देनजर आम जन से सुझाव मांगा था.

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भाजपा प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में पार्टी ने विचार-विमर्श की प्रक्रिया पिछले महीने 19 दिसंबर को शुरू की थी और 11 बैठकों की योजना बनाई गई है. अब तक सात बैठकें हो चुकी हैं. यह प्रक्रिया 14 जनवरी तक चल सकती है. उन्होंने कहा, ‘विशिष्ट क्षेत्रों की एक..एक बैठकें हुई हैं और हर बैठक की रिपोर्ट पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा को भेजी गई है.’

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अग्रवाल ने बताया कि इन बैठकों का मकसद बजट के बारे में कारोबारी नेताओं, किसान संगठनों, पेशेवर संस्थाओं से सुझाव प्राप्त करना है. सूत्रों ने बताया कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से तीन अप्रैल तक दो चरणों में रखने का सुझाव दिया है. बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक और दूसरा चरण दो मार्च से तीन अप्रैल तक चलेगा.