मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में वक्त पर इलाज ना मिलने एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। कथित रूप से एक प्राइवेट अस्पताल ने 500 और 1 हजार के नोट लेने से मना कर दिया। जिसकी वजह से बच्चे को इलाज नहीं मिल पाया।
इस मामले में पुलिस ने अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बच्चे के माता-पिता का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज सिर्फ इस वजह से नहीं किया क्योंकि उनके पास नई करेंसी नहीं थी।
वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं।
8 नवंबर से 500-1000 रुपये के पुराने नोटों के बंद के ऐलान के बाद सरकारी अस्पतालों को ऐसे नोट के लेन-देन की इजाज़त दी गई थी। यह रियायत मुंबई के निजी अस्पतालों को भी मिली थी।