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गर्भवती महिला को ले जाते हुए लोग( Photo Credit : न्यूज स्टेट ब्यूरो)
एक तरफ कोरोना वायरस (Coronavirus) से तबाही तो दूसरी तरफ लॉकडाउन से पैदा हो रही परेशानी के बीच लोग जूझ रहे हैं. बीती रात मुंबई (Mumbai) में एक ऐसी घटना हुई जिसे जानकर आप थोड़े से डर जाएंगे, लेकिन आखिर में जो परिणाम सामने आया वो बेहद ही सुखद था.
शुक्रवार रात अंधेरी ईस्ट सहारा गांव इलाके में गर्भवती महिला को लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) शुरू हो गया. सुनीता पाठक नाम की ये महिला दर्द से चिल्लाने लगी. जिसे लेकर पति देवानंद पाठक परेशान हो गए. लॉकडाउन और नजदीक के इलाके के एक कोरोना संक्रमण केस मिलने के बाद परिसर को सील कर दिया गया है. महिला का पति देवानंद पाठक मदद के लिए भागने लगा.
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यह खबर जब देवानंद के दोस्त तक पहुंची तो वो भी मदद के लिए पहुंचे. सभी लोग सड़क पर रिक्शा, टैक्सी खोजने लगे. पुलिस और एंबुलेंस को फोन करने लगे. लेकिन एरिया सील होने की वजह से उन तक कोई मदद नहीं पहुंची.
इलाके के रहने वाले सुनील आर्या पिंटू का कहना है कि सभी दोस्त अपने-अपने तरीके से मदद मांगने लगे. कोई पुलिस को बोलकर मदद मांगने गया. कोई अस्पताल पैदल सूचना देने पहुंचा. कुछ दोस्त गर्भवती सुनीता को 2 महिलाओं को मदद से मुख्य सड़क पर लेकर आए.
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थक हारकर जब कुछ नहीं सुझा तो महिला के पति देवानंद और उसके दोस्तों ने थोड़ी दूरी पर खड़ी मर्सेडीज़ बेंज वॉल्वो बस ही लेकर आ गए. मर्सेडीज़ बेंज वॉल्वो बस लॉक डाउन के बाद बंद पड़ी थी. जिसकी चाभी लेकर खुद देवानंद चलाने लगा.
गर्भवती महिला को बस में बिठाकर मरोल के महानगर पालिका प्रसूति अस्पताल लाया गया. जहां पहुंचते ही सुनीता ने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया. इस खुशखबरी को सुनने के बाद इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली.