प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा युवाओं को संबोधित जनसभा में 96 वर्षीय पूर्व वामपंथी समर्थित विधायक एम.के. सानू की उपस्थिति को देख सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
सानू ने कहा कि सिर्फ भाषण सुनने या किताब पढ़ने से उनके नजरिए में कोई बदलाव नहीं आने वाला है।
सानू, जो मूल रूप से एक सेवानिवृत्त मलयालम कॉलेज के प्रोफेसर हैं, ने कहा, मुझे मेरे एक दोस्त ने बैठक के बारे में बताया और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या मैं आ रहा हूं। इसलिए मैं यहां गया और सिर्फ इसलिए कि मैंने इसमें भाग लिया और मैंने एक किताब पढ़ी या एक भाषण सुना, मेरा ²ष्टिकोण बदलने वाला नहीं है, मेरा हमेशा एक समाजवादी ²ष्टिकोण है।
लोकप्रिय लेखक और वक्ता अनु को 1987 में एर्नाकुलम विधानसभा क्षेत्र से वाम समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया था और उन्होंने अनुभवी कांग्रेसी ए.एल. जैकब को हराया था।
लेकिन 1991 में अगले विधानसभा चुनाव में उन्होंने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है और तब से उन्होंने अपने साहित्यिक कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया।
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Source : IANS