देश के पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में मानसून के दस्तक देने से पहले बारिश शुरू हो गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, त्रिपुरा में मानसून के पहले तीन महीने में 71 फीसदी अधिक बारिश हुई है। हालांकि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में औसत से कम बरसात दर्ज की गई है।
आईएमडी ने बताया कि इस साल मानसून (जून-सितंबर) के दौरान पूर्वोत्तर भारत में 93 फीसदी बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा आते हैं।
ये भी पढ़ें: यूपी: मुरादाबाद में तेज आंधी-तूफान ने बरपाया कहर, 3 बच्चों सहित 6 लोग की मौत
रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मार्च से मई के बीच मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में सामान्य बारिश दर्ज की गई, जो इस क्षेत्र में मानसून से पहले के तीन महीने में सामान्य से सात फीसदी कम बारिश है।
मेघालय का चेरापूंजी दुनिया में दुनिया में दूसरा सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान है, जबकि इसी राज्य में मासिनराम में दुनिया में एक साल में सबसे ज्यादा 11,873 मिलीमीटर बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है।
चेरापूंजी में जुलाई 1861 में 9,300 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो एक महीने में सबसे ज्यादा बारिश किसी स्थान पर होने का रिकॉर्ड है।
आईएमडी के निदेशक दिलीप साहा ने कहा, 'मानसून पूर्व की अवधि में त्रिपुरा में 71 फीसदी अधिक बारिश हुई है। एक मार्च से लेकर 31 मई तक त्रिपुरा में 985 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि प्रदेश में इस दौरान औसत बारिश 574.2 मिलीमीटर रहती है।'
ये भी पढ़ें: मानवों को वनमानुष से अलग करने वाले जीन की पहचान
Source : IANS