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फूलपुर से प्रियंका गांधी को चुनाव में उतारने की प्रयागराज कांग्रेस ने की मांग, पास किया प्रस्ताव

लोकसभा चुनाव अगले महीने से शुरू होने वाला हैं. ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की मांग उठने लगी है.

Updated on: 10 Mar 2019, 04:16 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव अगले महीने से शुरू होने वाला हैं. ऐसे में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की मांग उठने लगी है. प्रयागराज कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पास करते हुए फूलपुर से प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ाने की मांग की है. कार्यवाहक शहर कांग्रेस अध्यक्ष नफीस अनवर की अध्यक्षता में प्रस्ताव पास किया है. प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने और महासचिव बनाने के बाद पहली बार चुनावी मैदान में उतारने की मांग की गई है.

बता दें कि फूलपुर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का संसदीय क्षेत्र रहा है. हालांकि बाद में इस सीट पर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का कब्जा रहा. साल 2014 में यह सीट बीजेपी के खाते में चली गई थी. लेकिन बीजेपी सांसद केशव प्रसाद मौर्या के इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर एसपी नेता नागेंद्र सिंह पटेल का कब्जा हो गया. उपचुनाव में नागेंद्र सिंह पटेल बीजेपी उम्मीदवार को हराकर इस सीट को जीता.

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बता दें कि हाल ही में कांग्रेस ने 15 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है उसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं. इस लिस्ट में प्रियंका गांधी का नाम नहीं है. फर्रुखाबाद से सलमान खुर्शीद जबकि कुशी नगर से आरपीएम सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनावी ताल ठोकेंगे. वहीं कांग्रेस ने गुजरात के अहमदाबाद से राजू परमार, आनंद से भरत भाई सोलंकी, वडोदरा से प्रशांत पटेल, छोटा उदयपुर से रनजीत मोहन सिंह, उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से इमरान मसूद, बदायूं से सलीम इकबाल, उन्नाव से अनु टंडन, अकबरपुर से राजाराम पाल, जालौन से ब्रज लाल खबरी, फैजाबाद से निर्मल खतरी को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है.

हालांकि पहले से यह कयास लगाया जा रहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लोकसभा चुनाव में इलाहाबाद (प्रयागराज) के फूलपुर से ताल ठोंक सकती है. रायबरेली और अमेठी के बाद फूलपुर तीसरी ऐसी सीट हैं जिसे कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है क्योंकि यह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का भी संसदीय क्षेत्र रह चुका है और वो यहां से तीन बार चुनाव जीते थे.