CAA-NRC के विरोध से मोदी ब्रांड पर फर्क नहीं पड़ेगा, बोले प्रशांत किशोर
सीएए-एनआरसी को लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे हैं. पूरे देश में सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है.
नई दिल्ली:
सीएए और एनआरसी को लेकर देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे हैं. पूरे देश में सरकार के फैसले का विरोध हो रहा है. मगर चुनावी रणनीतिकार और जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर का मामला है कि सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन से राजनीतिक मोर्चे पर ब्रांड मोदी और बीजेपी पर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. किशोर का यहां तक कहना है कि फिलहाल मोदी को रोक पाने वाले कोई भी नहीं है.
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एक निजी चैनल से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा, 'भले ही कई राज्य में एनआरसी का विरोध हो रहे है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर कोई भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला नहीं कर सकता.' साथ ही उन्होंने कहा, 'विपक्ष के कमजोर होने का मतलब ये नहीं है कि भारत में विरोध करने वाले कमजोर हैं.' वहीं प्रशांत किशोर ने इस कानून को लेकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला है. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इन मुद्दों पर खुलकर सामने आने को कहा है. किशोर ने कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों से नीतीश कुमार के फॉर्मूले पर चलने की अपील की.
सोनिया गांधी के वीडियो पर प्रशांत किशोर ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'कांग्रेस आज सड़क पर नहीं है और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सीएए-एनआरसी के खिलाफ आम नागरिकों द्वारा लड़ी जा रही लड़ाई से भी अनुपस्थित रहा है. कम से कम आप (सोनिया गांधी) अपने सभी मुख्यमंत्रियों को बाकी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ जुड़ने को कहिए, जो अपने राज्यों में NRC लागू करने के खिलाफ हैं. अन्यथा, इन बयानों का कोई भी मतलब नहीं है.'
Congress is not on streets and its top leadership has been largely absent in the citizens’ fight against CAA-NRC
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 21, 2019
The least party could do it to make ALL Congress CMs join other CMs who have said that they will not allow NRC in their states. Or else these statements means nothing https://t.co/EWJLyc3kgR
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गौरतलब है कि प्रशांत किशोर ने लगातार नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इन मुद्दों पर वो अपनी पार्टी के खिलाफ भी चले गए थे. पार्टी में अंदरूनी विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि वह अपने रुख पर अब भी कायम हैं.
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