logo-image

आरोग्य सेतु ऐप की अनिवार्यता पर इस बड़े वकील ने उठाए सवाल, बताया- असंवैधानिक

उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर में कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण को काबू करने के लिए धारा-144 लागू कर दी गई है. इस दौरान नोएडा में सबके मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना अनिवार्य कर दिया गया है.

Updated on: 05 May 2020, 06:10 PM

नई दिल्ली:

नोएडा में आरोग्य सेतु ऐप नहीं डाउनलोड करने पर 1000 रुपयए का जुर्माना या फिर 6 महीने की सजा का ऐलान किया गया है. नोएडा पुलिस के जारी किए गए इस आदेश को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पूरी तरह से असंवैधानिक बताया है. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. वरिष्ठ वकील ने नोएडा पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना वायरस रोकने के लिए क्या वो कुछ भी कर सकते हैं.

उत्तर प्रदेश के जनपद गौतमबुद्ध नगर में कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण को काबू करने के लिए धारा-144 लागू कर दी गई है. इस दौरान नोएडा में सबके मोबाइल में आरोग्य सेतु एप होना अनिवार्य कर दिया गया है. अगर आपके मोबाइल में आरोग्य सेतु एप नहीं हैै तो इसे आपके द्वारा लॉकडाउन (Lock Down) का उल्लंघन माना जाएगा और इसके लिए आप गिरफ्तार भी किए जा सकते हैं और आपको सजा भी हो सकती है. नोएडा पुलिस ने धारा 144 की अवधि बढ़ाने और उसके पालन का आदेश जारी किया है. आपको बता दें कि नोएडा पुलिस का यह आदेश 17 मई तक प्रभावी रहेगा.

वहीं गौतमबुद्ध नगर में पिछले 24 घंटे में कोविड -19 (COVID-19) के आठ नए मामले सामने आने के साथ ही जिले में अभी तक 167 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. प्रशासन ने बताया कि 167 लोगों में से 101 लोग इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होकर घर लौट चुके हैं. अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (जिला सर्विलांस अधिकारी) सुनील दोहरे ने रविवार को बताया कि आज आठ लोगों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है. उन्होंने बताया कि जिले में फिलहाल 66 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण के लिए इलाज चल रहा है.

यह भी पढ़ें-COVID-19: 24 घंटों में कोरोना 3900 नए मामले, कुल आंकड़ा 46 हजार के पार : स्वास्थ्य मंत्रालय

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (जिला सर्विलांस अधिकारी) सुनील दोहरे ने कहा कि जिन क्षेत्रों से संक्रमण के मामले आए हैं उन्हें सील करके सेनेटाइज (संक्रमण मुक्त) किया जा रहा है. वहीं केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लॉकडाउन में फंसे छात्रों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों आदि को अपने-अपने घर लौटने की अनुमति दिए जाने के बाद जिले के उप- निदेशक सूचना दिनेश गुप्ता ने बताया कि कोविड-19 लॉकडाउन के मद्देनजर हजारों छात्र जनपद में फंस गए थे.

यह भी पढ़ें-पहले से ज्यादा छूट के साथ लॉकडाउन 3.0 सोमवार से शुरू, कुछ पाबंदियां जारी रहेंगी

उन्होंने बताया कि इनमें से घर जाने के इच्छुक छात्रों को उनके घर भेजने की शुरुआत करते हुए आज 51 बसों से 1,184 छात्रों को उनके गृह जनपद भेजा गया है. सूचना अधिकारी ने बताया कि इस दौरान सामाजिक दूरी के नियम का पूरा पालन किया गया है. उन्होंने बताया कि छात्रों को अपने घर पहुंच कर 14 दिन तक घर में पृथक-वास में रहना होगा.