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Pranab Mukherjee Dies: प्रणब मुखर्जी के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक, आज होगा अंतिम संस्कार

Pranab Mukherjee Dies : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee Dies) का सोमवार को निधन हो गया है. वह 84 साल के थे. मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी (Abhijit Mukherjee) ने सेना के अस्पताल में उनका निधन होने की सूचना साझा की.

Updated on: 01 Sep 2020, 12:04 AM

दिल्ली:

Pranab Mukherjee Dies : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee Dies) का सोमवार को निधन हो गया है. वह 84 साल के थे. मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी (Abhijit Mukherjee) ने सेना के अस्पताल में उनका निधन होने की सूचना साझा की. वह 84 वर्ष के थे. प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद मोदी सरकार ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. प्रणब मुखर्जी ने सैन्य अस्पताल में अंतिम सांस ली. दिल्ली में मंगलवार को पूर्व राष्ट्रपति का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने सोमवार को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें ऐसा प्रबुद्धजन बताया जिसने पूरी निष्ठा से देश की उत्कृष्ट सेवा की है.

देश के 13वें राष्ट्रपति (2012-17) के निधन पर शोक जताते हुए कोविंद ने कहा कि उनका निधन एक युग का अंत है और राष्ट्र को अपने एक विलक्षण सपूत के निधन का दुख है. कोविंद ने ट्वीट किया है, ‘पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ. उनका जाना एक युग का अंत है। सार्वजनिक जीवन में विराट कद हासिल करने वाले प्रणब दा ने भारत माता की सेवा एक संत की तरह की. देश के एक विलक्षण सपूत के चले जाने से समूचा राष्ट्र शोकाकुल है. उनके परिजनों, मित्रों और सभी नागरिकों के प्रति संवेदनाएं.'

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर यह कहते हुए शोक प्रकट किया कि देश ने एक राजनेता खो दिया. उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘उनके निधन से देश ने एक बुजुर्ग राजनेता को खो दिया है. वह सामान्य पृष्ठभूमि से ऊपर उठकर अपने कठिन परिश्रम, अनुशासन और समर्पण से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचे थे.’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुखर्जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए उन्हें सर्वोत्कृष्ट विद्वान और उच्च कोटि का राजनीतिज्ञ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पहले दिन से उन्हें उनका मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि उनके परिवार, मित्रों और देश भर में उनके प्रशंसकों व समर्थकों के प्रति मेरी संवेदानाएं है. ओम शांति. मोदी ने कहा कि साल 2014 में जब वह प्रधानमंत्री बने तो दिल्ली के लिए बिल्कुल नए थे.

मुखर्जी के निधन पर शोक जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ले कहा कि उन्होंने अनुकरणीय समर्पण भाव से देश की सेवा की है। बिरला ने कहा कि संसदीय और प्रशासनिक मामलों में उनके अनुभव का कोई सानी नहीं था. उन्होंने कभी राजनीति को अपने निजी रिश्तों के बीच नहीं आने दिया. केन्द्रीय मंत्रियों अमित शाह, राजनाथ सिंह, हर्षवर्धन और प्रकाश जावड़ेकर, थावर चंद गहलोत, मुख्तार अब्बास नकवी सहित तमाम नेताओं ने भी मुखर्जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के निधन पर दुख जताया और सार्वजनिक जीवन में रहते हुए किए गए उनके योगदान को याद किया. उन्होंने कहा कि प्रणब दा पांच दशकों से अधिक समय तक सार्वजनिक जीवन, कांग्रेस पार्टी और केंद्र सरकार का अभिन्न हिस्सा रहे. उन्होंने हर पद पर आसीन होने के साथ उसे सुशोभित किया और अपने साथियों के साथ उनकी वास्तव में घनिष्टता थी. उनका पिछले 50 वर्षों से अधिक का राजनीतिक जीवन भारत के 50 वर्षों के इतिहास को प्रतिबिंबित करता है.

गृह मंत्री अमित शाह ने मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका पूरा जीवन मातृभूमि की सेवा के लिए समर्पित रहा और राष्ट्र के प्रति निष्काम सेवा तथा अमिट योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि देश ने अपने एक महान सपूत को खो दिया. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुखर्जी सरलता, ईमानदारी और चारित्रिक मजबूती की प्रतिमूर्ति बन गए.

महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि मुखर्जी की ‘‘गर्मजोशी, समर्पण और दूरदृष्टि ने गहरा प्रभाव छोड़ा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया है. भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने कई भूमिकाओं में कर्मठता से देश की सेवा की और सभी दलों में उनके प्रशंसक थे.

नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व राष्ट्रपति और उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ प्रणब मुखर्जी के निधन से बहुत दुख पहुंचा है. उन्होंने कई भूमिकाओं में कर्मठता और प्रतिबद्धता के साथ देश सेवा की. उनकी बुद्धिमत्ता और दृढ़ता के प्रशंसक सभी दलों में थे. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुखर्जी के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि देश ने स्वतंत्र भारत के एक महान नेता को खो दिया है. सिंह ने एक बयान जारी कर कहा, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ. हमारे देश ने स्वतंत्र भारत के एक महान नेता को खो दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों ने भारत सरकार में बहुत नजदीकी के साथ काम किया. मैं उनके विवेक, व्यापक ज्ञान और सार्वजनिक जीवन के उनके अनुभव पर निर्भर करता था.’’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुखर्जी के निधन पर दुख जताया और उनके परिवार एवं मित्रों के प्रति संवेदना प्रकट की. उन्होंने ट्वीट किया कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी के दुखद निधन की खबर मिली. देश बहुत दुखी है. मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने में खुद को देश के साथ जोड़ता हूं. उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मुखर्जी के निधन पर दुख जताया और कहा कि मुखर्जी एक महान राजनेता थे और उनके जाने से देश को बहुत बड़ी क्षति हुई है. उन्हें अर्थव्यवस्था से लेकर आम आदमी से जुड़े मुद्दों की गहरी समझ थी. उनके योगदान के लिए देश उनका सदैव ऋणी रहेगा. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने भी मुखर्जी के निधन पर शोक जताया.