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प्रकाश जावड़ेकर का राहुल गांधी पर निशाना, राइट ऑफ का मतलब माफ करना नहीं होता

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नीरव मोदी के संपति को कब्जे में ले लिया गया और नीरव मोदी को जेल जाना पड़ा. इसका मतलब है इनका कर्ज माफ नहीं हुआ है.

Updated on: 29 Apr 2020, 12:04 PM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विलफुल डिफॉल्टर मामले में आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि भारत सरकार ने डिफाल्टर्स के हजारों करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया है. उन्होंने कहा राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह राइट ऑफ (Write off) का मतलब माफ करना नहीं होता है थोड़ी तो समझ बढ़ाइए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी इसका फर्क नहीं समझ रहे है वसूली जारी रहती है वो खाता बंद नहीं होता है.

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नीरव मोदी की संपत्ति को कब्जे में लिया
जावड़ेकर ने कहा कि नीरव मोदी के संपति को कब्जे में ले लिया गया और नीरव मोदी को जेल जाना पड़ा. इसका मतलब है इनका कर्ज माफ नहीं हुआ है. राहुल गांधी समझ ले राइटिंग ऑफ का मतलब कर्ज माफ करना नहीं होता है. राहुल गांधी को पी चिदंबरम से ट्यूशन लेना चाहिए और अपनी समझ बढ़ानी चाहिए. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ किया की सरकार ने कोई कर्जा माफ नहीं किया है और वसूली जारी है.

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कांग्रेस ने वित्त मंत्री से पूछे थे तीखे सवाल
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ट्ववीट पर लिखा है कि आम लोगों के पैसे को फरार और धोखेबाजों को देकर और उनके द्वारा कर्जों को नहीं लौटाने पर माफ करना सिस्टम की सफाई' नहीं है. इससे पूरे बैंकिंग सिस्टम की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ता है. सुरजेवाला ने वित्त मंत्री से सवाल पूछा है कि मोदी सरकार ने 2014-15 और 2019-20 के बीच 6,66,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण बट्टे खाते में क्यों डाले हैं और आरबीआई के द्वारा 24 अप्रैल, 2020 के 68,607 करोड़ रुपये के बैंक ऋण की आरटीआई से मिली जानकारी सही है गलत है. इसके लिए वित्त मंत्री को तथ्यों को घुमाने के बजाए सही सही उत्तर देने की जरूरत है.