प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में गोडसे को बताया देशभक्त, कांग्रेस बोली- मोदी का मिल रहा...
भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का हवाला ‘देशभक्त’ के तौर पर दिया.
दिल्ली:
भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में एसपीजी संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का हवाला ‘देशभक्त’ के तौर पर दिया, जिसको लेकर कांग्रेस सदस्यों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया. सदन में जब द्रमुक सदस्य ए राजा ने चर्चा में भाग लेते हुए नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दिया तो प्रज्ञा ठाकुर अपने स्थान पर खड़ी हो गईं और कहा कि ‘देशभक्तों का उदाहरण मत दीजिए’.
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इस पर कांग्रेस के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई और यह आरोप लगाते हुए सुने गए कि उन्हें (प्रज्ञा) को प्रधानमंत्री का संरक्षण मिला हुआ है. इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी भोपाल से भाजपा सदस्य प्रज्ञा को बैठने का इशारा करते नजर अए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस सदस्यों से बैठने की अपील करते हुए कहा कि सिर्फ ए राजा की बात रिकॉर्ड में जा रही है. गौरतलब है कि प्रज्ञा सिंह पहले भी गोडसे को ‘देशभक्त’ बता चुकी हैं जिसको लेकर विवाद खड़ा हो गया था.
Pragya S Thakur: They (Congress) say I'm a terrorist but they are the ones who gave protection to a terrorist. Even after 34 yrs life remains affected. People are still not in the condition to work. Many labourers have demanded for MRS, where they can retire on medical grounds. https://t.co/49kVEbkQtU
— ANI (@ANI) November 27, 2019
प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में कहा कि 1984 के भोपाल आपदा के दौरान एंडरसन (यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष-सीईओ) आतंकवादी के रूप में सामने आए. एक विदेशी यहां आता है और हजारों को मारता है. इस मामले में कई ऐसे हैं. जो अभी भी पीड़ित हैं. तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसे भागने में मदद की. यह आतंकवाद है.
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस कहती है कि मैं एक आतंकवादी हूं, लेकिन वे ही हैं, जिन्होंने एक आतंकवादी को संरक्षण दिया है. वहां 34 साल के बाद भी जीवन प्रभावित है. भोपाल आपदा से पीड़ित लोग अभी भी काम करने की हालत में नहीं हैं. कई मजदूरों ने एमआरएस की मांग की है, जहां वे चिकित्सा आधार पर सेवानिवृत्त हो सकते हैं.
लोकसभा में बुधवार को ध्वनिमत से एसपीजी संशोधित बिल 2019 पास हो गया है. इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर लिया है. अमित शाह ने सदन में एसपीजी अधिनियम 2019 (संशोधित) बिल पेश कर किया था. उन्होंने एसपीजी अधिनियम 2019 (संशोधित) बिल पेश कर साफ कर दिया कि नए प्रावधानों का मकसद कानून को उसकी मूल भावना के अनुरूप बनाए रखना है. खासकर जब उसे पहली बार 1988 में लागू किया गया था. उसके लिहाज से एसपीजी कवर सिर्फ प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को ही दिया जा सकता था.
इस दौरान अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस के तीखे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी एक्ट को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है. ये वास्तविकता नहीं है. ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है. सुरक्षा हटाई नहीं गई है. सुरक्षा बदली गई है. उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है.
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