logo-image

क्या अंधेरे में बीतेगा रोशनी का त्योहार दिवाली? 110 प्लांट्स में कोयला क्राइसिस

देश में कोयले की कमी से ​बिजली संकट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कई बिजली कंपनियों के कोयले की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में बिजली का संकट खड़ा हो गया है

Updated on: 12 Oct 2021, 12:08 AM

नई दिल्ली:

देश में कोयले की कमी से ​बिजली संकट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. कई बिजली कंपनियों के कोयले की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों में बिजली का संकट खड़ा हो गया है. हालांकि ​देश में कोयला और बिजली संकट को लेकर केंद्र व राज्य सरकारों के दावों में विरोधाभास ज्यादा नजर आ रहा है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि कुछ दिनों बाद यानी दशहरे की शुरुआत से ही देश में त्योहारी सीजन की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में सबसे बड़ी चिंता है कि क्या इस बार रोशनी का पर्व दिवाली अंधेरे में गुजारनी पड़ेगी. 

अगले एक सप्ताह में कोयला संकट में स्थिरता आएगी

झारखंड की राजधानी रांची स्थित सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा है कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगले एक सप्ताह में कोयला संकट में स्थिरता आएगी और 17 अक्टूबर से इसमें तेजी देखने को मिलेगी. पिछले 3-4 दिनों में बिजली संयंत्रों को कोयला मिल रहा है. यदि उनकी आवश्यकता 1.6 मिलियन टन है, लेकिन उन्हें लगभग 1.5 मिलियन टन की आपूर्ति की जा रही है. मुझे विश्वास है कि आने वाले 1-2 सप्ताह में स्थिरता आ जाएगी. कोल इंडिया का स्टॉक कम से कम 20 दिनों तक चलेगा. सीसीएल के मामले में यह 1.95 मिलियन टन है और बीसीसीएल के मामले में यह 6.5 लाख टन है. उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई संकट नहीं है. इस साल ज्यादा बिजली उत्पादन की वजह से कोयले का स्टॉक निचले स्तर पर है. कोल इंडिया से हमने वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में पिछले वर्ष की तुलना में कम से कम 53 मिलियन टन की आपूर्ति की है यानी लगभग 20% की वृद्धि की है.

केंद्र को बिगड़ते हालातों से अवगत कराया

आलम यह है कि दिल्ली, पंजाब, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्यों की सरकारों ने तो केंद्र को अपना यहां बिगड़ते हालातों से अवगत कराया है और बिजली कटौती को लेकर चेतावनी भी दे डाली है. इसके साथ ही केरल और महाराष्ट्र ने अपने नागरिकों से बिजली की सावधानी से खपत करने की अपील की है.  भारत के अन्य राज्यों की तरह असम को भी दुर्गा पूजा और अन्य त्योहारों के दौरान कोयले की कमी के कारण बिजली की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राज्य के मुख्य बिजली वितरक असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एपीडीसीएल) ने एक सार्वजनिक अधिसूचना में कहा कि सीमित कोयले की उपलब्धता के कारण थर्मल स्टेशनों से बिजली उत्पादन में काफी कमी आई है.

अमित शाह ने ली बैठक

कोयला आपूर्ति में कमी की खबरों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को बिजली मंत्री आर.के. सिंह और कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी और स्थिति की समीक्षा की. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने आश्वासन दिया है कि बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयले की उपलब्धता है. बयान में कहा गया है, "बिजली आपूर्ति में व्यवधान का कोई भी डर पूरी तरह से गलत है. बिजली संयंत्रों में कोयले का स्टॉक चार दिनों से अधिक की जरूरत के लिए पर्याप्त है और चूंकि सीआईएल द्वारा कोयले की आपूर्ति में तेजी लाई जा रही है, इसलिए बिजली संयंत्रों में कोयले के स्टॉक में धीरे-धीरे सुधार होगा."

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि प्रदेश में शाम छह बजे से सुबह सात बजे तक निरंतर विद्युत आपूर्ति होगी। मुख्यमंत्री ने बिजली संकट के बीच सोमवार अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों जिलाधिकारियों पूर्वांचल, मध्यांचल, दक्षिणांचल, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगमों तथा केस्को के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बिजली आपूर्ति की समीक्षा की. कहा कि वर्तमान में नवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है और विभिन्न स्थानों पर रामलीला का मंचन हो रहा है. ऐसे समय में रात्रि में कोई बिजली कटौती नहीं होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला आपूर्ति के लिए सभी सार्थक कदम उठाए जाएं.

रोजाना तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती

पंजाब एक बार फिर बिजली संकट की ओर बढ़ रहा है. कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की विभिन्न सहायक कंपनियों की ओर से अपर्याप्त ईंधन आपूर्ति के चलते पंजाब के ताप संयंत्रों को कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी जानकारी रविवार को राज्य के अधिकारियों ने दी. अधिकांश संयंत्रों में एक-दो दिनों के जीवाश्म ईंधन का भंडारण बचा है और इस वजह से वे न्यूनतम क्षमता पर काम कर रहे हैं. कोयले की कमी को दूर करने के लिए राज्य भर में रोजाना तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती की गई है. मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह बिजली संकट से निपटने के लिए कोटा के अनुसार राज्य को कोयले की आपूर्ति तुरंत मुहैया कराए.

महंगे दामों पर बिजली अन्य स्थानों से खरीद 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सोमवार को माना कि बिजली संकट है. उन्होंने कहा कि जहां से बिहार बिजली खरीदी जाती थी, वहां से कम आपूर्ति हो रही है. उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि सरकार महंगे दामों पर बिजली अन्य स्थानों से खरीद रही है. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया कि राज्य में बिजली की कमी नहीं होने दी जाएगी. पटना में सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह यच है कि बिजली की आपूर्ति कम हो रही है. इसका मतलब है कि जितना उत्पादन होना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है.

देश के 135 में से 110 प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की ओर से 7 अक्टूबर को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार देश के 135 में से 110 प्लांट कोयले की कमी से जूझ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 16 प्लांट के पास एक भी दिन का कोयला भी नहीं बचा है. जबकि 30 प्लांट के पास केवल एक दिन  का ही स्टॉक शेष बचा है. वहीं, 18 प्लांट केवल 2 दिन का कोयला स्टॉक पर ही निर्भर है. राज्यों की बात करें तो हरियाणा और महाराष्ट्र के 3 प्लांटों में कोयला का स्टॉक एक दिन का भी नहीं है. यही नहीं पंजाब, राजस्थान, यूपी,  छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार में के प्लांटों में तो बस एक ही दिन का स्टॉक बचा है.