बंगाल में राजनीति की आड़ में हो रहा जिहाद, संघ चलाएगा अभियान
संघ का मानना है कि हिंसा को राजनीतिक के रूप में पेश किया गया हो सकता है, लेकिन टीएमसी के साथ जिहादी तत्वों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है.
highlights
- पश्चिम बंगाल की हिंसा लोकतंत्र के लिए खतरा
- कार्यकर्ताओं संग हिंसा में जेहादी तत्व शामिल
- संघ का आरोप खत्म किया जा रहा आरएसएस को
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा मामले में आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का बयान सामने आया है. जिसके बारे में उनका दावा है कि बंगाल में जो हुआ वह लोकतंत्र के लिए खतरा है. पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय रहे इन पदाधिकारी का कहना है कि आरएसएस ने इस मामले में एक देशव्यापी अभियान शुरू करने का संकल्प लिया है. आरएसएस के पदाधिकारी का दावा है कि तृणमूल कांग्रेस उनके खिलाफ खड़े होने वालों को चुप कराने की कोशिश कर रही है, संघ के नेताओं ने हिंसा प्रभावित परिवारों की मदद करने और उनकी सुरक्षा के लिए उपाय करने का संकल्प लिया है.
'राजनीतिक हिंसा के रूप में पेश हो रहीं स्थितियां'
संघ का मानना है कि हिंसा को राजनीतिक के रूप में पेश किया गया हो सकता है, लेकिन टीएमसी के साथ जिहादी तत्वों की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि टीएमसी ने हमेशा अपने अजेंडे का समर्थन करने वाली पार्टियों से हाथ मिलाया है. आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों को पता चले कि पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि ममता बनर्जी हिंसा को रोकें. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बंगाल में इस तरह की हिंसा को क्यों नहीं रोक रही हैं? उन्होंने कहा, 'जिहादी तत्वों ने पहले कांग्रेस और वाम दलों का समर्थन किया और अब वे टीएमसी के साथ हैं.'
बंगाल से संघ को खत्म करने के प्रयास
उन्होंने कहा, 'संघ के कार्यकर्ताओं और मुख्य रूप से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाले कार्यकताओं पर हमले हुए हैं. ये हमले इसलिए किये जा रहे हैं क्योंकि हमारी विचारधारा से संबंध रखने वाली भाजपा ने उन विधानसभा क्षेत्रों में अपनी पैठ बढा ली है जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बहुल हैं.' उन्होंने दावा किया कि संघ और उसके आनुषांगिक संगठनों के सतत कार्यो की बदौलत भाजपा ने पहली बारआरएसएस के पदाधिकारी ने कहा कि हमारे स्वसंसेवकों एवं कार्यकर्ताओं पर लगातार हमला गहरी चिंता का विषय है और इस चुनौतिपूर्ण समय में हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ेंगे. हम उन्हें प्रेरित करने तथा सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद के लिये कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रहे हैं. राज्य में सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन अब राज्य में संघ की पूरी व्यवस्था को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.
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