logo-image

डोकलाम विवाद के बाद पहली बार आमने-सामने बैठेंगे पीएम मोदी और जिनपिंग

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार मोदी और शी की मुलाकात भारतीय समय के अनुसार सुबह 10 बजे होगी। ये वहां पर उनकी चीन यात्रा से संबंधित अंतिम मुलाकात होगी।

Updated on: 05 Sep 2017, 09:04 AM

highlights

  • विदेश मंत्रालय के मुताबिक सुबह 10 बजे होगी और मोदी और जिनपिंग की मुलाकात
  • ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणापत्र में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों के जिक्र से भारत को मिली है सफलता
  • डोकलाम विवाद के कारण 73 दिनों तक भारत-चीन में था तनाव

नई दिल्ली:

डोकलाम विवाद के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग की द्विपक्षीय बैठक मंगलवार को होगी। सिक्किम सेक्टर में सीमा पर हुए विवाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार मोदी और शी की मुलाकात भारतीय समय के अनुसार सुबह 10 बजे होगी। ये वहां पर उनकी चीन यात्रा से संबंधित अंतिम मुलाकात होगी।

सिक्किम सेक्टर में डोकलाम विवाद के बाद दोनों दोशों की सेनाएं 73 दिनों तक आमने-सामने थीं और जिससे दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिंगपिंग से मुलाकात में आपसी विश्वास को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।

हालांकि दोनों नेताओं के बीच किन मु्द्दों पर चर्चा होगी इसकी खुलासा करने से इनकार कर दिया है।

यह भी पढ़ें: चीन ने कहा, लश्कर, जैश आतंकी घटना में शामिल लेकिन मसूद पर साधी चुप्पी

हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देश डोकलाम में हुए तनाव को पीछे छोड़ आपसी संबंधों को मज़बूत करने पर चर्चा करेंगे।

ब्रिक्स घोषणा में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के नामों को शामिल किये जाने और डोकलाम पर दोनों देशों के बीच खत्म हुए विवाद में किसी तरह का कोई संबंध है। तो विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीती सरन ने कहा कि दोनों मुद्दे अलग हैं और आपस में इनका कोई संबंध नहीं है।

उन्होंने कहा, 'इसे एक-दूसरे से जोड़ा नहीं जा सकता।'

इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआन ने कहा, 'बैठक की विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।'

यह भी पढ़ें: ब्रिक्स सम्मेलन: डोकलाम के बाद भारत की बड़ी जीत, पाक समर्थित लश्कर-जैश आतंकवादी संगठनों की निंदा

शी से मुलाकात के अलावा प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय बैठक मिस्र के राष्ट्रपति से भी होगी।

मिस्र उन पांच देशों में शामिल है जिसे चीन ने ब्रिक्स प्लस के नाम से विशेष तौर पर आमंत्रित किया है। इन देशों में मैक्सिको, गुयाना, थाइलैंड और ताजिकिस्तान शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: तस्वीरों में देखिए, ऐसा रहा भारतीय पीएम का ब्रिक्स सम्मेलन में अंदाज