logo-image

Pollution : SC का सेंट्रल विस्टा पर केंद्र से सवाल- क्या बैन के बावजूद चल रहा कार्य

प्रदूषण पर राज्य की बेहतर स्थिति नहीं होने को लेकर CJI की अगुवाई वाली पीठ ने अपने आदेशों को लागू करने के लिए एक स्वतंत्र टास्क फोर्स नियुक्त करने का भी संकेत दिया है.

Updated on: 29 Nov 2021, 01:47 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा के चल रहे निर्माण को लेकर केंद्र की खिंचाई की
  • CJI की अगुवाई वाली पीठ ने एक स्वतंत्र टास्क फोर्स नियुक्त करने का संकेत दिया
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदूषण स्तर दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कंस्ट्रक्शन कार्यों पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के चल रहे निर्माण को लेकर केंद्र की खिंचाई की. सुनवाई के दौरान जब वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि निर्माण पर प्रतिबंध के बावजूद सेंट्रल विस्टा का निर्माण जोरों पर चल रहा है तो इस जवाब में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि हम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. चाहे सेंट्रल विस्टा हो या इंडस्ट्री या कुछ और. हम उन्हें समझाने के लिए कहेंगे. कुछ मुद्दों पर ध्यान न दें और उन पर ध्यान केंद्रित करें. नहीं तो मामले को डायवर्ट कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें : दिल्ली में कंस्ट्रक्शन वर्क से रोक हटी, जानें प्रदूषण में कमी की वजह

प्रदूषण पर राज्य की बेहतर स्थिति नहीं होने को लेकर CJI की अगुवाई वाली पीठ ने अपने आदेशों को लागू करने के लिए एक स्वतंत्र टास्क फोर्स नियुक्त करने का भी संकेत दिया है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की विशेष पीठ मामले पर सुनवाई कर रही है. आगे की सुनवाई 2 दिसंबर को होगी. न्यायमूर्ति रमना ने कहा, हम सॉलिसिटर जनरल से सेंट्रल विस्टा मुद्दे की व्याख्या करने के लिए कहेंगे. हमने उनसे पूछा है कि केंद्र सरकार की क्या भूमिका है? इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "हमने आज एक हलफनामा दाखिल किया है. हालांकि, SC ने टिप्पणी की: “यदि आप अभी कागजात का एक बंडल दाखिल करते हैं, तो हम इसे कैसे पढ़ेंगे? याचिकाकर्ता यह सोचकर कागजात दाखिल करते हैं कि न्यायाधीश उन्हें नहीं पढ़ेंगे. अब सरकार भी यही कर रही है. 

परिणाम जीरो है

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आज का प्रदूषण स्तर [AQI] 419 है. यह दिन-ब-दिन बढ़ रहा है.  मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि आप यह सुनिश्चित करने के लिए क्या कर रहे हैं कि राज्य निर्देशों का पालन कर रहे हैं? आप कहते हैं कि पालन किया जा रहा है और निर्देश जारी किए गए हैं, सब कुछ अच्छा है, लेकिन आखिर दिन के अंत में क्या हो रहा है? परिणाम जीरो है. 51 और 100 के बीच एक्यूआई को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब' की श्रेणी में माना जाता है. जबकि 300-400 को 'बहुत खराब' माना जाता है, 401-500 के बीच का स्तर 'खतरनाक' श्रेणी में आता है.

सुप्रीम कोर्ट का डीएमआरसी और दिल्ली सरकार को निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, यूपी, हरियाणा और पंजाब को अपने आदेशों का पालन करने को कहा.  सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि मेट्रो परियोजना के चौथे चरण के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई के लिए डीएमआरसी को मुख्य वन संरक्षक और पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति लेनी होगी. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को पेड़ और पौधे लगाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने और अनुपालन रिपोर्ट जमा करने का भी निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सरकार को शहर में पेड़ लगाने में गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाज के सदस्यों, छात्रों और अन्य लोगों को शामिल करना चाहिए. दिल्ली सरकार ने बुधवार तक अपने निर्देशों पर जवाब और रिपोर्ट मांगी है. वह गुरुवार को फिर जनहित याचिका पर सुनवाई करेगी.