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प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा- मौसम बदलने का नहीं कर सकते इंतजार

केंद्र सरकार ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम का सीमित प्रभाव होगा. इसलिए हमने कार पूलिंग की सलाह दी है. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमारा ध्यान प्रदूषण कम करने पर है.

Updated on: 17 Nov 2021, 01:14 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को प्रदूषण को लेकर जारी सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने एनसीआर में केंद्र सरकार के वाहनों की संख्या बहुत अधिक नहीं है. केंद्र ने कहा कि जब भी वर्क फ्रॉम होम की बात आती है तो अधिक नुकसान होते है. वर्क फ्रॉम होम का सीमित प्रभाव होगा. इसलिए हमने कार पूलिंग की सलाह दी है. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमारा ध्यान प्रदूषण कम करने पर है. आप सभी एक ऐसे मुद्दे को बार-बार उठा रहे हैं जो प्रासंगिक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि आखिर पटाखों पर बैन के बावजूद भी दिवाली पर पटाखे क्यों जलाए गए. इस मामले में अगली सुनवाई 24 नवंबर को होगी.

मौसम बदलने का नहीं कर सकते इंतजार
केंद्र ने कहा कि 21 तारीख से मौसम बदल जाएगा तो प्रदूषण में भी कमी आ जाएगी. इस पर कोर्ट ने भड़कते हुए कहा कि हम हाथ पर हाथ धरकर बैठकर मौसम बदलने का इंतजार नहीं कर सकते. कोर्ट ने ये भी पूछा कि सरकार को प्लान बताना चाहिए कि वो प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठा रही है. 
सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से पेश हुए एसजी तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने कहा कि मौसम विभाग का कहना है कि 21 नवंबर के बाद मौसम बदलते ही स्थिति में सुधार आने की संभावना है. अभी कई पाबंदियां लगाई गई हैं. क्या कोर्ट कोई सख्ती दिखाने से पहले 21 तारीख तक इंतजार कर सकता है. इस पर भड़कते हुए कोर्ट ने कहा, प्रदूषण पर हम मौसम बदलने का इंतजार नहीं कर सकते.

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि कहा अगर पराली जलाना 3-4 फीसद है तो इसे संबोधित करने की आवश्यकता नहीं है. हम यह कहना चाहते हैं कि यह एक कारण है. सीजेआई ने कहा कि हम किसानों को दंडित या परेशान करना नहीं चाहते हैं. आखिर किसान को पराली जलाना क्यों पड़ता. पांच सितारा होटल के एसी में बैठकर किसानों को दोष देना बहुत आसान है. सीजेआई ने कहा कि आप पूसा शोध अध्ययन का हवाला देते रहते हैं, लेकिन पहले से ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि पराली के प्रबंधन का तरीका विफल है. 

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि एक राज्य के तौर पर आपने क्या किया है? आपने प्रदूषण रोकने के लिए क्या किया है? हरियाणा की तरफ से कहा गया कि कल की मीटिंग में जो भी तय हुआ उसका 90 फीसदी हम पहले ही लागू कर चुके हैं. पंजाब ने कहा हम एनसीआर रीजन में नहीं आते, इसलिए हमने ऐसा कुछ नहीं किया है लेकिन हमने अपनी तरफ से कई उपाय जरूर किए हैं.