प्रशांत किशोर ने अटकलों पर लगाया विराम, नीतीश की मौजूदगी में थामा जेडीयू का दामन
प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सफल चुनावी रणनीतियां बना चुके हैं।
नई दिल्ली:
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर राजनीति के मैदान में आ चुके हैं। नीतीश कुमार की मौजूदगी में उन्होंने जनता दल यूनाइटेड में शामिल हो गए हैं। प्रशांत किशोर आज पटना में जेडीयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए। इस दौरान वहां सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। वह पहली बार इस कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हुए।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से कयास लगाया जा रहा है कि वह जल्द ही राजनीति में पदार्पण कर सकते हैं। प्रशांत किशोर बिहार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान सफल चुनावी रणनीतियां बना चुके हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन में सीटों की स्थिति को लेकर इस बैठक को बेहद अहम माना जा रहा है। जेडीयू सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान नीतीश कुमार कार्यकर्ताओं और नेताओं को जीत का मंत्र देंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक जेडीयू की इस बैठक में चुनावों से पहले पार्टी और संगठन को किस तरह मजबूत किया जाएगी इस पर बैठक में चर्चा होगी।
बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य कार्यकारिणी के अलावा पार्टी के तमाम सांसद, विधायक, पार्षद और जिला अध्यक्ष शामिल होंगे। यह बैठक सीएम नीतीश कुमार के सरकारी आवास 1 अणे मार्ग पर सुबह 11 बजे शुरू होगी।
गौरतलब है कि जेडीयू लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी से ही बीजेपी से सीटों पर स्थिति साफ करने का दबाव बना रही है। दोनों दलों की बयानबाजी के दौरान जेडीयू ने कहा था कि पिछले लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले पर चलते हुए उसे 40 में से 25 सीटें मिलनी चाहिए। जेडीयू ने यहां तक कह दिया था कि अगर भाजपा नहीं मानती है, तो वह सभी 40 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकता है।
पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी और उसे मात्र दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था, जबकि बीजेपी को 40 में से 22 सीटें मिली थीं। इस हिसाब से बीजेपी खुद को बड़ा भाई बताने लगी थी तो जदयू को विधानसभा चुनाव में मिली 71 सीटों का गुमान था, विधानसभा चुनाव में बीजेपी 53 सीटों पर सिमट गई थी।
एनडीए के अन्य सहयोगी दलों लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को क्रमश: छह और तीन सीटें मिली थीं।
सूत्रों का कहना है कि जेडीयू लोकसभा चुनाव के बहाने दबाव की रणनीति के तहत आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अभी ही बात तय कर लेना चाहता है। इस स्थिति में नीतीश का वजूद भी बिहार में बना रह सकेगा।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा