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अमृतसर रेल हादसा: बीजेपी ने पंजाब सरकार को बताया दोषी, बादल बोले- सामूहिक नरसंहार

अमृतसर में जोड़ा फाटक के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोगों की एक ट्रेन की चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई है जबकि कुल 57 लोग घायल बताये जा रहे हैं.

Updated on: 21 Oct 2018, 06:17 AM

नई दिल्ली:

अमृतसर में जोड़ा फाटक के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोगों की एक ट्रेन की चपेट में आने से 59 लोगों की मौत हो गई है जबकि कुल 57 लोग घायल बताये जा रहे हैं. वहीं इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी काफी तेज़ हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस घटना के लिए सीधे-सीधे पंजाब सरकार को दोषी ठहराया है.

संबित पात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'यह काफी हैरान करने वाला है. यह पंजाब सरकार की प्रशासनिक विफलता का नतीज़ा है. यह मामला सेक्शन 304ए आईपीसी (लापरवाही से मौत) का है. बीजेपी सभी मृत और घायल परिवार के लिए न्याय की मांग करती है.'

वहीं शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अमृतसर हादसे के लिए पंजाब सरकार को ज़िम्मेदार बताया है. बादल ने रेलवे ट्रैक के पास समारोह की इजाजत देने को लेकर पंजाब कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अमृतसर ट्रेन त्रासदी एक दुर्घटना नहीं बल्कि 'नरसंहार' है. बादल ने कहा, 'यह एक सामूहिक हत्या है... नहीं... यह एक नरसंहार है. इस मामले में की गई कार्रवाई शर्मनाक और अपर्याप्त है.'

बादल ने कहा, 'वर्तमान सरकार इस दुर्घटना को काफी हल्के में ले रहे हैं इसलिए जांच रिपोर्ट के लिए 4 हफ़्ते का समय ले रही है. प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर एफआईआर दर्ज़ करानी चाहिए थी और किसी स्वतंत्र संस्थान से जांच के आदेश देने चाहिए.'

बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को अमृतसर ट्रेन हादसे में घायल हुए लोगों से और मारे गये लोगों के परिजनों से मिलने के बाद घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं.

सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, 'हम घटना की मजिस्ट्रेटी जांच कराने की घोषणा करते हैं.'

उन्होंने कहा कि दोषी का पता लगाने वाली रिपोर्ट चार सप्ताह में देने को कहा गया है. जालंधर के संभागीय आयुक्त को जांच कराने का काम सौंपा गया है.

वहीं पंजाब के मंत्री एवं स्थानीय विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि ट्रेन की चपेट में आने से हुई 59 लोगों की मौत एक दुर्घटना थी और किसी ने भी यह जानबूझ कर नहीं किया.

हालांकि उन्होंने कहा कि 'बड़ी लापरवाही' हुई और अपने आलोचकों से इस घटना पर राजनीति नहीं करने को कहा.

मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. मैंने कुछ लोगों से बात की जिन्होंने बताया कि कुछ लोग रेलवे पटरी पर खड़े थे जबकि कुछ लोग पटरी के पास एक पत्थर पर बैठे हुए थे.'

उन्होंने बताया, 'रावण का पुतला जब जलाया गया तब कुछ लोग पीछे हटने लगे. तभी एक ट्रेन तेज गति से आई और कोई हॉर्न नहीं बजा जिससे लोगों को पास आती ट्रेन के बारे में पता नहीं चल सका और यह सब एक या दो सेकेंड के भीतर हुआ.'

उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पर पीड़ितों की परवाह किए बिना मौके से निकल जाने का आरोप लग रहा है जिसके बचाव में उन्होंने कहा कि जब उनपर आरोप लगाए जा रहे थे वह अस्पताल में मरीजों से मिल रही थीं.

उन्होंने कहा, 'जब मैंने शुक्रवार को अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू से बात की थी तो वह अस्पताल में थीं.'

इस बीच कांग्रेस नेता ने शनिवार सुबह स्थानीय अस्पतालों का दौरा किया और मरीजों एवं उनके रिश्तेदारों से मुलाकात की.

सिद्धू ने कहा कि वह हादसे के बारे में जानकर स्तब्ध थे. उन्होंने यह भी बताया कि वह शुक्रवार को एक कार्यक्रम के सिलसिले में कालीकट में थे.

मंत्री ने किसी पर अंगुली उठाने से मना करते हुए कहा, 'किसी ने भी जानबूझ कर यह नहीं किया है. हालांकि इस घटना के पीछे बड़ी लापरवाही हुई है..जब मैं लापरवाही की बात करता हूं तो इसका अर्थ यह है कि कुछ लोग अपनी जिम्मेदारियों तक को नहीं समझते हैँ.'

घटना को अपूर्णीय क्षति बताते हुए उन्होंने कहा, 'ऐसा करने की किसी भी मंशा नहीं थी. इसके पीछे कोई मकसद नहीं था.'

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उन्होंने आग्रह किया कि घटना को 'राजनीतिक शक्ल' न दी जाए.