शाहीन बाग धरने में राजनीति हावी हुई, एक गुट खत्म तो दूसरा जारी रखने पर अड़ा
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच गुरुवार को शाहीन बाग में जमकर हंगामा व तीखी नोकझोंक हुई.
highlights
- प्रदर्शनकारियों के बीच शाहीन बाग में जमकर हंगामा व तीखी नोकझोंक.
- एक गुट हिंसा की आशंका के कारण धरना खत्म करने पर आमादा.
- कांग्रेस विधायक के नेतृत्व में दूसरा गुट धरना जारी रखने पर अड़ा.
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच गुरुवार को शाहीन बाग में जमकर हंगामा व तीखी नोकझोंक हुई. दोपहर करीब 2 बजे प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने शाहीन बाग में जारी धरना खत्म करने का फैसला किया. प्रदर्शन वापस लेने वाले लोगों का कहना था कि उन्हें हिंसा की आशंका है, इसीलिए वे प्रदर्शन खत्म कर रहे हैं. हालांकि थोड़ी ही देर बाद पूर्व कांग्रेस विधायक के नेतृत्व में सैकड़ों की भीड़ शाहीन बाग पहुंची और ऐलान किया कि धरना जारी रहेगा. विधायक के साथ आई भीड़ व अन्य कुछ लोगों ने धरना समाप्त करने वाले छात्रों के साथ धक्का-मुक्की की और उन्हें खींचकर मंच से नीचे उतार दिया.
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20 दिन से जारी है धरना
दरअसल, शाहीन बाग में स्थानीय महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठी हैं. इस धरने के संचालन में जामिया, जेएनयू और कुछ पूर्व आईआईटी छात्र भी शामिल हैं. इन्हीं छात्रों ने गुरुवार को शाहीन बाग में धरना समाप्त करने का ऐलान किया. छात्रों ने मंच से कहा, 'हम शाहीन बाग की सड़क से हट रहे हैं, लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हमारा विरोध जारी रहेगा. हम दिल्ली व देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके खिलाफ जागरूकता लाएंगे.'
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हिंसा की आशंका पर धरना खत्म करने की पहल
जेएनयू के छात्र शरजील ने मंच से कहा कि यहां हिंसा की आशंका है. पुलिस प्रदर्शनकारियों को जबरन हटा सकती है और इस दौरान कुछ उपद्रवी हिंसा फैलाने की ताक में हैं. छात्रों ने कहा कि अब इस धरने का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. छात्राओं ने भी मंच से धरने में मौजूद सभी महिलाओं को प्रदर्शन स्थल खाली करने के लिए कहा. इसके बाद एक-एक कर अधिकांश महिलाएं प्रदर्शन स्थल से चली गईं. इसी बीच कुछ स्थानीय युवक वहां आ गए और इन युवकों ने धरना खत्म करवाने वाले छात्रों से जुबानी बहस और धक्का-मुक्की की.
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कांग्रेस विधायका ने धरना जारी रखने की बात कह की धक्का-मुक्की
देखते ही देखते सैकड़ों की तादाद में लोग यहां एकत्र होने लगे. कुछ ही देर में पूर्व कांग्रेस विधायक मोहम्मद आसिफ भी अपने समर्थकों के साथ यहां पहुंच गए. आसिफ ने मंच पर चढ़कर धरना खत्म न करने की अपील की. इस दौरान महिलाओं के इस प्रदर्शन में करीब 50-60 महिलाएं व हजार से अधिक पुरुष शामिल थे. आसिफ ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री कोई आश्वासन नहीं देते और पुलिस प्रदर्शनकारियों पर दर्ज किए गए मुकदमे वापस नहीं लेती, तब तक यह विरोध जारी रहेगा.
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हिंसा फैलाने के दो मुकदमे हैं कांग्रेस विधायक पर
गौरतलब है कि पूर्व विधायक आसिफ पर भी प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने के दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं. पूर्व विधायक के समर्थकों ने महिलाओं को वापस बुलाया और उनसे धरना स्थल पर जमे रहने की अपील की, जिसके बाद प्रदर्शन कर रही महिलाएं एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठ गईं.
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