The Kashmir Files : कश्मीर फाइल्स फिल्म ने देश में तूफान ला दिया है. फिल्म के बहाने एक बार फिर कश्मीर पंडितों का मामला सुर्खियों में है. धीरे-धीरे इस कश्मीरी पंडितों को लेकर अब यह मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है. फिल्म में अनुच्छेद 370 का और कांग्रेस का जिक्र होने से इसका सियासी फलक बड़ा हो गया है. अब इस फिल्म को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू हो गई हैं. इस फिल्म को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.
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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, सबसे दर्दनाक हालत में कश्मीरी पंडित समुदाय को अपना घर छोड़ना पड़ा. इतिहास इस बात का गवाह है कि यह सब कांग्रेस की गलतियों का परिणाम था, जिसे अब नेहरूवादी गलतियों के रूप में दर्ज किया गया है.
वहीं The Kashmir Files पर केरल कांग्रेस के ट्वीट पर केरल में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने कहा, हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. केरल कांग्रेस या केरल में यूडीएफ ने कभी भी किसी भी मंच पर इस फिल्म पर इस तरह के मामले पर चर्चा नहीं की है. हम इस बारे में जांच करेंगे और कार्रवाई करेंगे.
वहीं केरल कांग्रेस के ट्वीट पर भाजपा सांसद केजे अल्फोंस ने कहा है कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी थी, जिसमें कश्मीरी पंडित वहां नहीं रह सकते थे. उनकी हत्या कर दी गई, जिससे बाकी लोगों के मन में डर बैठ गया. इसलिए वे चले गए. धारा 370 लागू होने के बाद चीजों में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है. अल्फोंस ने कहा कि कांग्रेस को इतिहास की समझ नहीं है. उसे विकृत इतिहास पता है. सब जानते हैं कि कांग्रेस या उसके समर्थक दलों की सरकार के दौरान कश्मीर से 1.50 लाख पंडितों को सांप्रदायिक आधार पर खदेड़ा गया.
केरल कांग्रेस ने यह दावा किया था
इससे पहले केरल कांग्रेस ने इस फिल्म को लेकर कई ट्वीट किए थे. इनमें से एक को बाद में डिलीट कर दिया गया. केरल कांग्रेस ने कहा, 'वे आतंकवादी थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया. साल 1990 से लेकर 2007 के बीच के 17 सालों में आतंकवादी हमलों में 399 पंडितों की हत्या की गई. इसी दौरान आतंकवादियों ने 15 हजार मुसलमानों की हत्या कर दी. केरल कांग्रेस ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में पंडितों के लिए 5242 शिविर बनाए गए थे और प्रत्येक विस्थापित परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता दी गई थी. इसके अलावा विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप और किसानों को मदद दी गई थी. 1168 करोड़ रुपये की कल्याणकारी योजनाएं इनके लिए चलाई गई थी.
भाजपा पर लगाया यह आरोप
केरल कांग्रेस ने कहा कि कश्मीरी पंडितों ने जब कश्मीर घाटी को सामूहिक रूप से छोड़ा उस समय वहां के राज्यपाल जगमोहन थे. जगमोहन आरएसएस के व्यक्ति थे. कश्मीरी पंडितों का पलायन भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार के दौरान शुरू हुआ. यह सरकार दिसंबर 1989 में सत्ता में आई और जनवरी 1990 में पलायन शुरू हुआ. तब भाजपा ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह का समर्थन करना जारी रखा.
HIGHLIGHTS
- कश्मीर फाइल्स फिल्म से देश में सियासी तूफान खड़ा
- कश्मीर पंडितों का मामला फिर से सुर्खियों में आया
- फिल्म को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी शुरू हुईं