दिल्ली में AAP-Cong के गठबंधन में कांग्रेस एक कदम आगे तो 'आप' दो कदम पीछे

अब कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको का बयान आया है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली में गठबंधन नहीं होगा और कुछ ही दिन में दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
दिल्ली में AAP-Cong के गठबंधन में कांग्रेस एक कदम आगे तो 'आप' दो कदम पीछे

File Pic

लोकसभा चुनाव-2019 के अंतर्गत आने 12 मई को दिल्ली की सभी सीटों (7 लोकसभा सीटों) पर चुनाव होंगे. दिल्ली की लोकसभा सीटों को लेकर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस(congress) के बीच पिछले कई महीनों से चल रहा राजनीतिक ड्रामा गुरूवार को कथित रूप से खत्म हो गया. अब कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको का बयान आया है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दिल्ली में गठबंधन नहीं होगा और कुछ ही दिन में दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जाएगा. आइये आपको बताते हैं कि आखिर दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन क्यों नहीं हो पा रहा है.

Advertisment

कांग्रेस ने दिया ये फॉर्मूला
कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को दिल्ली में 4-3 का फॉर्मूला दिया था, जिसके अंतर्गत 4 लोकसभा सीटों पर AAP तो 3 पर कांग्रेस चुनाव लड़ती, लेकिन केजरीवाल समेत AAP के कई नेता कांग्रेस के इस फॉर्मूले से सहमत नहीं थे. उनका कहना था कि जिस पार्टी का एक भी विधायक या सांसद ना हो उसकी शर्तों पर गठबंधन नहीं कर सकते.

बढ़ रही थी आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मांग
आम आदमी पार्टी दरअसल दिल्ली-हरियाणा और पंजाब में गठबंधन पर जोर दे रही थी, लेकिन कांग्रेस सिर्फ दिल्ली पर ही राजी हो रही थी. बताया जा रहा है कि जब-जब गठबंधन को लेकर बैठक हुई, कांग्रेस ने AAP की मांग पर ऐतराज किया था और आखिरकार अब तक गठबंधन हुआ नहीं हो पाया है. मीडिया में आईं खबरों की माने तो गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार अपनी मांगें बढ़ा रहे थे. हरियाणा में भी गठबंधन करने का दबाव इसी का हिस्सा था, लेकिन कांग्रेस ने राजनीतिक फायदे और नुकसान का आंकलन करने के बाद अपने कदम पीछे खींच लिए.

दिल्ली में घट रहा है AAP का जनाधार
पिछले साढ़े 5 सालों में आए दिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी का जनाधार घटता जा रहा है तो कांग्रेस का वापस आ रहा है, ऐसे में दिल्ली के स्थानीय नेताओं का मानना था कि लोकसभा में आम आदमी पार्टी से तालमेल न करके अकेले चुनाव लड़ना चाहिए. इस फॉर्मूले पर सबसे ज्यादा दबाव दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित का था वो शुरू से ही गठबंधन के लिए तैयार नहीं हो रही हैं. शीला दीक्षित पहले भी कई बार कह चुकी थीं कि दिल्ली के चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं होना चाहिए अगर ऐसा होता है तो पार्टी के लिए खतरनाक होगा. इसके अलावा शीला कभी भी यह मानने के लिए तैयार नहीं थीं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी अब भी कांग्रेस से बड़ी पार्टी है. यही वजह है कि वे बराबर गठबंधन को लेकर आलाकमान के समक्ष विरोध दर्ज करा रहा थीं।

Source : News Nation Bureau

Arvind Kejrila will Continue in Delhi between AAP-Congress Alliance AAP Congress alliance Political Drama in Delhi PC Chako Shiela Dixit
      
Advertisment