/newsnation/media/post_attachments/images/2020/01/07/free-mashmir-11.jpg)
मुंबई में फ्री कश्मीर का पोस्टर दिखाती छात्रा( Photo Credit : ANI)
जेएनयू हिंसा के विरोध में मुंबई में हुए प्रदर्शन के दौरान एक छात्रा के हाथ में 'फ्री कश्मीर' पोस्टर से सियासी घमासान मच गया है. छात्र जेएनयू हिंसा के विरोध में गेटवे ऑफ इंडिया पर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच एक छात्रा के हाथ में यह पोस्टर दिखाई दिया. इसके बाद से ही यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. अब इस पर सियासी घमासान शुरू हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इसे लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है तो वहीं कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने भी इस पर सवाल उठाए हैं.
यह भी पढ़ेंः JNU हमले के खिलाफ मुंबई में हुए प्रदर्शन में लहराया 'फ्री कश्मीर' का पोस्टर, देखें Video
Protest is for what exactly?
Why slogans of “Free Kashmir”?
How can we tolerate such separatist elements in Mumbai?
‘Free Kashmir’ slogans by Azadi gang at 2km from CMO?
Uddhav ji are you going to tolerate this Free Kashmir Anti India campaign right under your nose???@OfficeofUThttps://t.co/zkWRjxuTqA— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) January 6, 2020
जेएनयू में हुई हिंसा के विरोध में फ्री कश्मीर को लेकर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या उन्हें भारत विरोधी अभियान बर्दाश्त है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि यह किस बात का प्रदर्शन है. मुंबई में इस तरह के अलगाववाद को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है. देवेन्द्र फडणवीस ने लिखा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से 2 किमी दूर आजादी गैंग द्वारा फ्री कश्मीर के नारे लगाए गए. इसके बाद भी मुख्यमंत्री चुप हैं.
यह भी पढ़ेंः JNU Violence:जेएनयू की हिंसा के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी 'फ्री कश्मीर' के पोस्टर पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि छात्र विरोध में सावधानी बरतें. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जेएनयू प्रदर्शन में कश्मीर की आजादी का क्या मतलब. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि इस तरह के पोस्टर छात्र आंदोलन को बदनाम करते हैं. उन्होंने इस मामले की सरकार से जांच करने को कहा है.
ऐसे पोस्टर देश भर में चल रहे छात्र आंदोलन को बदनाम कर सकते हैं।
आंदोलन गुमराह हो सकता है।
आंदोलनकारियों को सावधानी बरतनी पड़ेगी।#JNUVoilence का कश्मीर की आज़ादी से क्या रिश्ता ?
कौन हैं ये लोग ? किसने गेटवे पर भेजा इन्हें ?
बेहतर होगा,सरकार इसकी जाँच कराए। pic.twitter.com/oqrzBsqIcT— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) January 6, 2020
Source : News Nation Bureau