मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा (NEET) को सरकार ने 8 भाषाओं में कराने का फैसला किया है।
इन 8 भाषाओं में कन्नड़ को शामिल नहीं किए जाने पर कर्नाटक में राजनीति शुरू हो गई है। बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में इस मुद्दे को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
केंद्र सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा हिन्दी, इंग्लिश, असमियां, बंगाली, गुजराती, मराठी, तमिल और तेलुगू में कराने का फैसला लिया है।
इसी में कन्नड़ को शामिल नहीं करने पर कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कन्नड़ को प्रवेश परीक्षा की भाषा में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी जिसको नजरअंदाज कर दिया गया।
जबकि बीजेपी नेता अनंत कुमार ने कहा है कि राज्य सरकार ने चिट्ठी लिखकर कहा था कि प्रवेश परीक्षा इंग्लिश में कराने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है।
सीएम सिद्धरमैया ने कहा जो लोग कर्नाटक से जीत कर दिल्ली पहुंचे हैं उन्होंने वहां अपना काम नहीं किया। सांसदों ने उनके लिए भी काम नहीं किया जिन्होंने उन्हें चुनकर कर भेजा है।
Source : News Nation Bureau