अयोध्या विवाद: SC के फैसले का BJP-RSS ने किया स्वागत, मुस्लिम संगठनों ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को न्यायिक तरीके से सुलझाने के बजाय इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना बेहतर है।
highlights
- अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना बेहतर है
- आरएसएस ने कहा, इसका फैसला धर्म संसद और दूसरे पक्ष जो अदालत गये हैं कर सकते हैं
- जफरयाब जिलानी ने कहा, हमें कोई आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मंजूर नहीं है
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को न्यायिक तरीके से सुलझाने के बजाय इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना बेहतर है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या विवाद को बातचीत से ही सुलझाया जाना चाहिए। गोरखपुर से सांसद पद की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद योगी ने कहा, 'राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है और इसका समाधान बातचीत से निकाला जाना चाहिए।'
योगी ने कहा कि सरकार इस मामले में पूरी तरह से सहयोग के लिए तैयार है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) और राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रही उमा भारती ने स्वागत किया है। वहीं मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने नाखुशी जतायी है।
आरएसएस
आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, 'इसका फैसला धर्म संसद और दूसरे पक्ष जो अदालत गये हैं कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि एक भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिये जिसमें सभी भारतीयों का सहयोग हो।
बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत किया है। उमा भारती ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट का कदम स्वागत के लायक है, यह मसला कोर्ट के बाहर भी सुलझाया जा सकता है।'
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, 'संबद्ध पक्षों को एक दूसरे से बातचीत करके इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना चाहिए। उन्हें अदालत से बाहर भी बातचीत करनी चाहिए।'
Its a welcome step by the Supreme Court, the matter I believe can be resolved out of court: Uma Bharti on SC Ayodhya matter pic.twitter.com/V4uJdJSLmi
— ANI (@ANI_news) March 21, 2017
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली (ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य) ने कहा, 'बातचीत से विवाद का हल निकालना मुश्किल है, फिर भी कोर्ट का सम्मान है, सीनियर इमाम से बात करने के बाद ही मसले पर आगे बढ़ेंगे।'
Negotiations have failed earlier, an out of court settlement is not possible :Zafaryab Jilani, Convenor, Babri Masjid Action Committee. pic.twitter.com/DfM0l5RDhA
— ANI (@ANI_news) March 21, 2017
ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और बाबरी मस्जिद के लिए केस लड़ रहे वकील जफरयाब जिलानी ने सुप्रीम कोर्ट के सुझाव पर कहा, 'हमें कोई आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मंजूर नहीं है।'
CPI(M)
सीपीआई(एम) नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 'बातचीत से मसला नहीं सुलझा तभी तो मामला कोर्ट में गया था।'
Baatcheet se masla nahi suljha tabhi to matter court mein gaya tha: Sitaram Yechury, CPI(M), on SC Ayodhya Matter. pic.twitter.com/wczrgXqpth
— ANI (@ANI_news) March 21, 2017
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्या मामले में याचिका दाखिल की है। स्वामी ने कहा है कि शीर्ष अदालत इस मामले में 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के लिए एक अलग पीठ गठित करे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया था कि विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच अयोध्या भूमि का बंटवारा कर दिया जाना चाहिए।
जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मांग पर अगले शुक्रवार को विचार करेगा। SC ने टिप्पणी की, 'इस तरह के संवेदनशील मसलों का हल आपसी सहमति से निकाला जाना बेहतर है। दोनों पक्षों को आपस में हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए। जो सभी पक्षों को मान्य हो।'
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