तमिलनाडु की मूर्ति शाखा पुलिस ने तंजावुर के स्वामीमलाई से जब्त की गई छह मूर्तियों की पृष्ठभूमि की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक व्यक्ति, रामलिंगम, (जो तिरुवलांचुझी में श्रीथरसन आर्ट मेटल्स के मालिक हैं) जिनके पास कई प्राचीन धातुएं हैं।
पुलिस ने इन मूर्तियों के स्रोत और आवश्यक दस्तावेजों पर रामलिंगम से पूछताछ की। हालांकि, वह विवरण देने में सक्षम नहीं थे और उनके पास मूर्तियों के स्वामित्व या वैधता को दिखाने के लिए कोई प्रामाणिक दस्तावेज नहीं था।
रामलिंगम को हिरासत में ले लिया गया और कुंभकोणम की एक अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि रामलिंगम ने इन मूर्तियों के निर्यात के लिए डरबन स्थित एक फर्म के साथ अनुबंध किया था, लेकिन बाद में कंपनी पीछे हट गई, क्योंकि इन मूर्तियों के लिए कोई उचित दस्तावेज नहीं थे।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने भी मूर्तियों को साफ नहीं किया है, क्योंकि इस बात पर संदेह है कि ये मूर्तियां प्राचीन हैं या नहीं। पुलिस ने कहा कि वे मूर्तियों का पता लगा रहे हैं और कैसे रामलीगाम के पास यह छह मूर्तियों आईं। साथ ही पुलिस यह भी पता लगाने के लिए राज्य और आसपास के राज्यों के मंदिरों से लापता मूर्तियों की सूची भी खोज रही है कि क्या इनमें से कोई मूर्ति मंदिरों से चोरी की गई है।
बता दें कि तमिलनाडु की मूर्ति शाखा ने हाल ही में चोरी की गई एक मूर्ति को वापस लायी थी। और जिसे दशकों पहले अमेरिका भेजा गया था।
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Source : IANS