पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपये के हुए घोटाले और इसके आरोपी नीरव मोदी की फरारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है।
पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ शुक्रवार (23 फरवरी) को सुनवाई करेगी।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मंगलवार को वकील विनीत ढांडा की याचिका पर सुनवाई की स्वीकृति दे दी।
ढांडा ने अदालत से सरकार को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में कदम उठाने का निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में 10 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की रकम ऋण के तौर पर देने को लेकर दिशानिर्देश तय करने की भी मांग की गई है।
याचिकाकर्ता ने साथ ही फंसे हुए कर्ज के मामलों की जांच और उसकी वसूली के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर एक समिति गठित करने की भी मांग की है।
आपको बता दें कि इस घोटाले में नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के पक्ष में अवैध लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट जारी किए गए थे, जोकि बैंकों द्वारा अधिकृत नहीं थे।
और पढ़ें: मामला सार्वजनिक कर पीएनबी ने बंद किए वसूली के सभी रास्ते- नीरव मोदी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 11,500 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले की जांच कर रही है।
घोटाला सामने आने के बाद नीरव मोदी देश छोड़कर फरारा हो गया था। वहीं इस मामले में केस दर्ज होने के बाद ईडी-सीबीआई बड़े स्तर पर कार्रवाई कर रही है।
और पढ़ें: AAP के दो MLA पर दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से हाथापाई का आरोप
Source : News Nation Bureau