पीएनबी घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि सरकार आर्थिक गड़बड़ियों को स्वीकार नहीं करेगी और ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एक अखबार की तरफ से आयोजित ग्लोबल बिजनेस समिट कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान उन्होंने निगरानी करने वाली संस्थाओं को याद दिलाया कि वो अपना कर्तव्य पूरी जिम्मेदारी से निभाएं।
11,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा के पीएनबी घोटाले पर पीएम ने कड़े शब्दों में कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि ये सरकार आर्थिक विषयों से संबंधित अनियमितताओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर रही है, करेगी और करती रहेगी। जनता के पैसे का लूट सिस्टम बर्दाश्त नहीं करेगा।'
उन्होंने फर्जीवाड़े में शामिल लोगों और बैंक का बिना नाम लिये हुए कहा कि वित्तीय संस्थानों का प्रबंधन, ऑडिटर्स और नियामकों को अपना कर्तव्य पूरे समर्पण के साथ निभाना चाहिये।
पीएम ने यहा भी कहा, 'एक अपील मैं ये भी करना चाहता हूं कि विभिन्न वित्तीय संस्थाए में नियम और नीयत यानि नीति बनाए रखने का दायित्व जिन्हें दिया गया है वो पूरी निष्ठा से अपना कर्तव्य निभाएं। विशेषकर जिन्हें निगरानी और मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।'
घोटाले पर पीएम मोदी की चुप्पी को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी कई दफा चुप्पी को लेकर सवाल उठा चुके थे।
पीएनबी और रोटोमैक घोटाला सामने आने के बाद पीएम ने यह बयान दिया है। पीएनबी घोटाला करीब 11,400 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। इस मामले में नीरव मोदी मुख्य अभियुक्त हैं।
वहीं रोटोमैक लोन घोटाला मामले में कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पर आरोप है कि उन्होंने सात बैंकों से 3,695 करोड़ रुपये (ब्याज सहित) का लिया कर्ज वापस नहीं किया है।
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Source : News Nation Bureau