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लंदन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी पर सियासी वार-पलटवार शुरू, कांग्रेस का सवाल- देश से जाने किसने दिया था?

पंजाब नेशनल बैंक से करोड़ों के कर्ज धोखाधड़ी मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार किया गया है.

Updated on: 20 Mar 2019, 06:28 PM

नई दिल्ली:

पंजाब नेशनल बैंक को 13,500 करोड़ की चपत लगाने वाले भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी को लंदन में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने लंदन में नीरव मोदी को गिरफ्तार किया. इससे सात दिन पहले लंदन वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने उसके खिलाफ वारंट जारी किया था. लंदन में हीरा कारोबारी की गिरफ्तारी के बाद भारत में सियासत भी तेज हो गयी है. बीजेपी ने नीरव मोदी की गिरफ़्तारी को पीएम नरेंद्र मोदी की कामयाबी बताया. इस पर कांग्रेस महासचिव ने पलटवार किया. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, 'ये कामयाबी है? जाने किसने दिया था.'

प्रियंका गांधी से पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने भी सरकार को घेरा था. संवावदाताओं से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता ने कहा, 'बीजेपी ने नीरव मोदी की देश से भगाने में मदद की, अब यह वापस ला रहे है. चुनाव के समाय ये वापस ला रहे हैं और चुनाव के बाद नीरव मोदी को वापस भेज दिया जायेगा.'

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी निशाना साधा. एनसी नेता ने ट्वीट कर लिखा, नीरव मोदी की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी इसका श्रेय पीएम मोदी को दे रही है जबकि सच्चाई इससे एकदम अलग है. लंदन में टेलीग्राफ और उसके संवाददाता ने नीरव मोदी को ढूंढ निकाला था. न कि पीएम और उनकी एजेंसी ने.

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बता दें कि नीरव मोदी 2018 में घोटाले के सामने आने से कुछ महीने पहले ही भारत से फरार हो गया था. इंटरपोल ने प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) के आग्रह पर जुलाई 2018 में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. भगोड़े कारोबारी के ठिकानों के बारे में एक रहस्य बना हुआ था, क्योंकि उसे न्यूयॉर्क, हांगकांग और अन्य शहरों में देखा गया था. अपने चाचा मेहुल चोकसी के साथ नीरव मोदी पीएनबी घोटाले में सीबीआई द्वारा जांच शुरू होने से पहले ही भाग गया था.

ईडी ने पिछले साल 24 और 25 मई को दोनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.