पंजाब नेशनल बैंक में हुए फर्जीवाड़े की जांच के लिये ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) के गठन को लेकर कांग्रेस ने अभी तक दूसरे विपक्षी दलों से कोई चर्चा नहीं की है। हालांकि संसद सत्र के दौरान वो दूसरे दलों से बात कर इसकी मांग कर सकती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद से सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में उन्हें दूसरे दलों से जेपीसी की मांग को लेकर चर्चा करने के लिये अधिकृत किया गया है तो उन्होंने कहा, 'अभी तक हमने इस संबंध में कोई चर्चा नहीं की है।'
हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को कांग्रेस सदन में उठाएगी। बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 5 मार्च से शुरू होने वाला है और पीएनबी के 11,000 करोड़ से भी अधिक के घोटाले को लेकर विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेरेंगे। ऐसे में संसद के हंगामेदार होने की पूरी संभावना है।
इधर सीपीएम ने इस मामले की जेपीसी जांच कराने की मांग की है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता आजाद ने कहा, 'हम इस संबंध में संसद शुरू होने के बाद चर्चा करेंगे।'
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सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के बयान पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने बीजेपी पर पीएनबी घोटाले से लोगों का ध्यान हटाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, 'लेकिन मैं साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि आने वाले दिनों में बीजेपी कई सारे नेताओं, दलों पर उंगली उठाएगी। ताकि इस मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाया जा सके। ये आकाश और पाताल एक कर देंगे ताकि लोगों का ध्यान हटाया जा सके।'
यूपीए और वर्तमान एनडीए सरकार के दौर के बारे में उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह ने सभी तरह की जांच कराने को तैयार हुए थे जब बीजेपी ने तथाकथित 2 जी घोटले की में जांच की मांग की थी।
उन्होंने सवाल करते हुए कहा, 'इस सरकार (एनडीए) के दौर में सभी धोखेबाज क्यों लंदन जा रहे हैं और वापस नहीं आ रहे हैं? इन सभी का परोक्ष या अपरोक्ष रूप से सरकार के मुखिया के साथ कोई न कोई मिलीभगत क्यों है?'
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी है जो इस समय विदेश भागा हुआ है।
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Source : News Nation Bureau