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पीएनबी घोटाले मामले के आरोपी नीरव मोदी और उसके परिवार को पकड़ने के लिये इंटरपोल ने डिफ्यूज़न नोटिस जारी किया है। सीबीआई ने मोदी और उसके परिवार का पता लगाने के लिये इंटरपोल से संपर्क किया था।
पीएनबी फर्जीवाड़े का पता लगने से पहले ही नीरव मोदी और उसका परिवार जनवरी महीने में देश छोड़कर भाग गया था।
अधिकारियों का कहना है कि सीबीआई ने इंटरपोल से मोदी का पता लगाने के लिये डिफ्यूजन नोटिस जारी करने की अपील की है।
उन्होंने कहा, 'ये (डिफ्यूज़न नोटिस) नोटिस से कम औपचारिक होता है लेकिन इसका उपयोग किसी अपराधी का लोकेशन का पता किया जाता है। डिफ्यूज़न सीधे एनसीबी (इस मामले में सीबीआई) संबंधित सदस्य देश को भेजता है या फिर सभी सदस्य देशों को भेजा जाता है। जो इंटरपोल से जुड़े होते हैं।'
सीबीआई को विश्वास है कि वो मोदी और उसके परिवार को पता आज (शुक्रवार) ही लगा लेंगे। परिवार के अन्य सदस्यों में नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी, भाई निशाल मोदी और मेहुल चोकसी शामिल हैं।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पीएनबी धन शोधन मामले में नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को समन जारी किए हैं।
पीएनबी ने अपने 8 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी बैंक ने 10 कर्मचारियों को इस मामले में निलंबित कर दिया था। बैंक के एक जनरल मैनेजर रैंक के अधिकारी को भी निलंबित किया गया है।
सीबीआई और ईडी के अलावा बैंक आतंरिक जांच भी कर रहा है।
#NiravModi#PNBScam: 8 employees of Punjab National Bank suspended, the number of suspended employees now stands at 18, which also includes General Manager level officers. Internal investigation of the bank is still underway. pic.twitter.com/a8ClUtiFS2
— ANI (@ANI) February 16, 2018
इधर सीबीआई मुकुल चोकसी के गीतांजलि ग्रुप के 5 राज्यों के 6 शहरों में फैले 20 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। नीरव मोदी के शोरूम्स और ठिकानों पर रात भर छापे मारी की गई। इसके अलावा कई शरुम्स को सील कर दिया गया है।
गुरुवार को मोदी के देशभर में फैले 17 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी में 5,100 करोड़ के हीरे, आभूषण और सोना जब्त किए गए हैं।
देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक पीएनबी की मुंबई की एक शाखा में 1.8 अरब डॉलर का घपला उजागर हुआ है। इस धोखाधड़ी के लिये नीरव मोदी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
गुरुवार को बैंक के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुनील मेहता ने कहा कि धोखाधड़ी में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
नीरव के 11,400 करोड़ के फर्जीवाड़े का पता लगने के बाद पिछले 15 दिन के अंदर बैंक ने दोबारा सीबीआई में शिकायत दर्ज की थी।
हालांकि सीबीआई बैंक की तरफ से बरती गई लापरवाही की भी जांच कर रही है। साथ ही एजेंसी टुकड़ों में दी जा रही जानकारियों के कारणों की भी जांच कर रही है।
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Source : News Nation Bureau