पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,300 करोड़ रुपये के हुए घोटाले की स्वतंत्र जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 मार्च तक सुनावाई टाल दी।
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, 'मामले में जांच शुरू हो चुकी है और जरूरी कार्रवाई की जा रही है। कई गिरफ्तारी भी हो चुकी है। ऐसे में कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई जरूरी नहीं है।'
जिसपर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हम पहले ये देखेंगे कि याचिका सुनवाई लायक है या नहीं। अब इस मामले में 16 मार्च को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ता वकील विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अरबों के हुए घोटाले की स्वतंत्र जांच कराने और इसके आरोपी नीरव मोदी की समय सीमा के भीतर प्रत्यर्पण करने की मांग की है।
विनीत ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'इस मामले पर पूरे देश की नजर है। सुप्रीम कोर्ट कम से कम केंद्र सरकार को नोटिस जारी करे। क्योंकि सरकार ने इससे पहले विजय माल्या के मामले में सरकार ने कुछ नहीं किया।'
आपको बता दें कि शराब कारोबारी विजय माल्या बैंकों को 9,000 करोड़ का चूना लगाने के बाद भारत छोड़कर फरार हो गए थे। उनके खिलाफ कई एजेंसियां जांच कर रही है।
इससे पहले 20 फरवरी को भी पीएनबी घोटाला मामले से संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। जिसपर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
वकील विनीत ढांडा ने अदालत से सरकार को नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में कदम उठाने का निर्देश देने की भी मांग की है। याचिका में 10 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की रकम ऋण के तौर पर देने को लेकर दिशानिर्देश तय करने की भी मांग की गई है।
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याचिकाकर्ता ने साथ ही फंसे हुए कर्ज के मामलों की जांच और उसकी वसूली के लिए आवश्यक कदम उठाने को लेकर एक समिति गठित करने की भी मांग की है।
आपको बता दें कि पीएनबी को 11,300 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले नीरव मोदी देश छोड़कर फरार हो चुके हैं। उनके खिलाफ सीबीआई, ईडी की कार्रवाई जारी है। इस मामले में टीम ने कई बैंक अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
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Source : News Nation Bureau