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बैंकों से फर्जीवाड़ा करके भागने वालों के खिलाफ कानून सख्त करने के लिये केंद्र सरकार एक विधेयक वर्तमान बजट सत्र के दौरान लेकर आ रही है।
ललित मोदी, विजय माल्या, नीरव मोदी, और मेहुल चौकसी और ऐसे ही दूसरे भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिये मोदी कैबिनेट ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018' को मंजूरी दी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'फ्युजिटिव ऑफेंजर्स बिल, 2018 बिल लाया गया है ताकि इसकी मदद से भगोड़ों की संपत्ति, यहां तक कि बेनामी संपत्ति को भी जब्त किया जा सकेगा। इसके अलावा ये प्रावधान भी होगा ताकि भारत के बाहर की उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सके। लेकिन ये उस देश के सहयोग पर निर्भर करेगा।'
Fugitive Economic Offenders Bill 2018 has been brought to confiscation of assets of a fugitive, including Benami assets. There will also be the provision to confiscate those assets outside India but co-operation of that country will be needed: FM Arun Jaitely pic.twitter.com/eDl88ByTT9
— ANI (@ANI) March 1, 2018
उन्होंने कहा कि इस बिल को आगामी सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। देश में लूट को अंजाम देकर भागने और कानून का मजाक बनाने की इजाजात नहीं दी जा सकती है।'
जानकारी के अनुसार विधेयक में यह प्रावधान भी है कि ऐसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्ति को दोषी ठहराये जाने से पहले ही जब्त किया जा सकेगा। साथ ही उसे बेचकर कर्ज देने वाले बैंक का कर्ज भी चुकाया जा सकेगा।
इसके अलावा कैबिनेट ने नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) के गठन को भी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री ने बताया कि NFRA इंडिपेंडेंट रेग्युलेटर के रूप में काम करेगा।
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Source : News Nation Bureau