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शेल कंपनियों के खिलाफ पीएमओ का बड़ा कदम (फाइल फोटो)
नोटबंदी के बाद अब सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग को जड़ से उखाड़ फेंकने का मन बना लिया है। मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम कसने के मकसद से प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में शेल कंपनियों को खत्म किए जाने को लेकर रेवेन्यू सेक्रेटरी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो इन कंपनियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की निगरानी करेगी।
काले धन को सफेद करने के लिए बड़े पैमाने पर इन कागजी कंपनियों का इस्तेमाल किया जाता है। शेल कंपनियां वैसी कंपनियां होती हैं जो किसी तरह से कोई काम नहीं करती हैं और इनका वजूद केवल कागजों पर ही होता है।
इन कंपनियों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है। नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद करने के लिए इन कंपनियों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया।
#PMO sets up task force under #RevenueSecretary to monitor action taken against deviant shell companies by various agencies.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2017
भारत में 15 लाख कंपनियां पंजीकृत है और इनमें से महज 6 लाख कंपनियां ही रिटर्न फाइल करती हैं। इसका सीधा मतलब यह निकलता है कि बड़ी संख्या में कई कंपनियां वित्तीय अनियमितता बरतती हैं।
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देश में मौजूद शेल कंपनियों की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि नवंबर से दिसंबर के बाद इनमें कुल 1,238 करोड़ रुपये की रकम जमा की गई। सीरियस फ्रॉड इनवेस्टीगेशन ने देश के राष्ट्रीय खजाने को चूना लगाने के चक्कर में 49 शेल कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज की है।
जांच में यह बात सामने आई है कि 559 कंपनियों ने 54 पेशेवरों की मदद से 3900 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को व्हाइट किया है। सरकार ने यह सूचना एसआईटी, इनकम टैक्स, ईडी, सेबी और आईसीएआई को भेज दी है। आयकर विभाग ने पीएमएलए एक्ट के तहत इन मामलों की फिर से जांच शुरू कर दी है।
Disciplinary action to be initiated against professionals indulging in malpractices and abetting entry operators of shell companies.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2017
आईसीएआई ने अपने सदस्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी शुरू कर चुकी है जिन्होंने इन कंपनियों को काले धन को सफेद करने में मदद दी। इसके अलावा 49 शेल कंपनियों को बंद किए जाने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है।
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इसके साथ ही बेनामी एक्ट के तहत शेल कंपनियों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई की पूरी तैयारी कर ली है। इसके तहत ऐसी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई और उनके बैंक खातों को जब्त करना शामिल है।
Punitive action, including freezing bank a/cs, striking off names of dormant cos, invoking #Benami Act, to be taken against shell companies.
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2017
इसके अलावा कई मंत्रायलयों और विभागों के अधिकारियों की सदस्यता वाले टास्क फोर्स की निगरानी के लिए पीएमओ ने रेवेन्यू सेक्रेटरी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है जो देश भर में शेल कंपनियों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की निगरानी करेगी।
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आम तौर पर शेल कंपनियों के पास पेड अप कैपिटल कम होता है और नकदी ज्यादा होती है।इस तरह की कंपनियां गैर सूचीबद्ध कंपनियों में ज्यादा निवेश करती हैं और यह कोई लाभांश नहीं देती हैं।
HIGHLIGHTS
- नोटबंदी के बाद मनी लॉन्ड्रिंग को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए शेल कंपनियों के खिलाफ उठाया बड़ा कदम
- प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेवेन्यू सेक्रेटरी की अध्यक्षता में किया टास्क फोर्स का गठन
- नवंबर से दिसंबर के बाद शेल कंपनियों में कुल 1,238 करोड़ रुपये की रकम जमा की गई
- 559 कंपनियों ने 54 पेशेवरों की मदद से 3900 करोड़ रुपये की ब्लैक मनी को व्हाइट किया है
Source : News State Buraeu