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सिविल सेवाओं की परीक्षा की आयु सीमा में बदलाव पर बोले PMO के राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह

आयोग का कहना था कि परीक्षा देने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा इस समय 30 साल है, जिसे घटाकर 27 साल किया जाना चाहिए.

Updated on: 25 Dec 2018, 01:09 PM

नई दिल्ली:

कुछ दिनों पहले नीति आयोग ने केंद्र सरकार से सिफारिश की थी कि सिविल सेवा परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की अधिकतम आयु सीमा कम की जानी चाहिए. आयोग का कहना था कि परीक्षा देने के लिए सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा इस समय 30 साल है, जिसे घटाकर 27 साल किया जाना चाहिए. इस मामले पर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान आया है. उनका कहना हे कि सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है.

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मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा, सरकार ने सिविल सेवा परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए पात्रता के आयु मानदंड में बदलाव किए जाने को लेकर सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी रिपोर्ट्स और अटकलों पर विराम लग जाना चाहिए. आयुसीमा को घटाने को लेकर दिए सुझाव में नीति आयोग का कहना था कि इसे साल 2022-23 तक लागू कर दिया जाना चाहिए. आयोग ने यह भी कहा था कि सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए केवल एक ही परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए.

आयोग ने अपने यह सुझाव 'स्ट्रेटेजी फॉर न्यू इंडिया @75' नाम की रिपोर्ट में दिए थे. जिसमें कहा गया था कि नौकरशाही में उच्च स्तर पर विशेषज्ञों की लेटरल एंट्री को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. इससे ये लाभ होगा कि हर क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा विशेषज्ञों की सेवाएं मिल पाएंगी. ये युझाव इसलिए भी दिए गए थे क्योंकि भारत की एक तिहाई से अधिक जनसंख्या की उम्र इस वक्त 35 साल से कम है. वहीं सिविल सर्विसेज में चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की औसत आयु साढ़े 25 साल है.