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PMGKAY: मोदी सरकार का फैसला, सितंबर तक मिलेगा 5 किलो मुफ्त राशन

PMGKAY: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenda Modi) वाली केंद्र सरकार ने आज यानी रविवार को एक बड़ा निर्णय लिया है. मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानी PMGKAY (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) की मियाद को छह महीने बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.

Updated on: 26 Mar 2022, 07:55 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narenda Modi) वाली केंद्र सरकार ने आज यानी रविवार को एक बड़ा निर्णय लिया है. मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना यानी PMGKAY (Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana) की मियाद को छह महीने बढ़ाने की मंजूरी दे दी है.  मोदी मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. अब इस योजना के तहत सितंबर 2022 तक लाभार्थियों को मुफ्त राशन मिलेगा. कैबिनेट बैठक में लिए गए इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भारतवर्ष का सामर्थ्य देश के एक-एक नागरिक की शक्ति में समाहित है। इस शक्ति को और मजबूती देने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 6 महीने और बढ़ाकर सितंबर 2022 तक जारी रखने का निर्णय लिया है। देश के 80 करोड़ से अधिक लोग पहले की तरह इसका लाभ उठा सकेंगे.

इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शपथ लेने के एक दिन बाद शनिवार को एक बड़ा फैसला किया. मुफ्त राशन योजना को तीन माह के लिए बढ़ा दिया है. मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि उइस योजना से प्रदेश के 15 करोड़ लोगों को लाभ होगा. इस योजना पर 3270 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस योजना के तहत गरीबों को दाल, तेल, नमक और चीनी भी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में यह योजना शुरू की गई थी. इस योजना का उद्देश्य गरीबों की मदद करना है। फ्री राशन योजना पर करीब 3270 करोड़ का खर्च आता है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने फैसला लिया है कि योजना आगे भी हम जारी रखेंगे. उन्होंने बताया कि इस योजना से राज्य के खजाने पर 3270 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा. इस निर्णय के बाद राज्य के 15 करोड़ लोगों को अगले तीन महीने तक प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत लाभ मिलता रहेगा.

योजना के तहत खाद्यान्न के साथ दाल और नमक, चीनी आदि का पैकेट भी दिया जा रहा था। अगले तीन महीनों तक प्रदेश के 15 करोड़ लोगो को यह लाभ मिलता रहेगा. हमारी पहली कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है.