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पीएम मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में( Photo Credit : @narendramodi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज यानी मंगलवार को 12वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिये. उन्हेंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) का निमंत्रण स्वीकार करते हुए इस वर्चुअल सम्मेलन में शामिल हुए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित किया.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आतंकवाद का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आज विश्व के सामने सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद का है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवादियों को समर्थन और सहायता देने वाले देशों को भी दोषी ठहराया जाए, और इस समस्या का संगठित तरीके से मुकाबला किया जाए.
ग्लोबल वैल्यू चेन एक मजबूत योगदान दे सकता है
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत एक व्यापक reform process शुरू किया है. यह अभियान इस विश्वास पर आधारित है कि एक self-reliant और resilient भारत post-COVID वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए force multiplier हो सकता है और global value chains में एक मजबूत योगदान दे सकता है.
150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेजी
इसका उदहारण हमने कोरोना के दौरान भी देखा, जब भारतीय फार्मा उद्योग की क्षमता के कारण हम 150 से अधिक देशों को आवश्यक दवाइयां भेज पाए. हमारी वैक्सीन उत्पादन और डिलीवरी क्षमता भी इस तरह मानवता के हित में काम आएगी.
Speaking at the BRICS Summit. https://t.co/e2X66cZ5so
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2020
हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं
पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2021 में ब्रिक्स के 15 साल पूरे हो जाएंगे. पिछले सालों में हमारे बीच लिए गए विभिन्न निर्णयों का मूल्यांकन करने के लिए हमारे शेरपा एक रिपोर्ट बना सकते हैं. 2021 में अपनी अध्यक्षता के दौरान हम BRICS के तीनों स्तंभों में intra-BRICS सहयोग को मजबूत करने का प्रयत्न करेंगे.
ब्रिक्स देशों के बीच डिजिटल स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देगा
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'इस कठिन कार्यकाल में, रूस के नेतृत्व में, लोगों से लोगों के कनेक्शन को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की गईं जैसे कि ब्रिक्स फिल्म समारोह, युवा वैज्ञानिकों की बैठकें आदि की गई. ब्रिक्स के अपने नेतृत्व के दौरान, भारत ब्रिक्स देशों के बीच डिजिटल स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देगा.
Source : News Nation Bureau