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अंतराष्ट्रीय सौर सम्मेलन में बोले पीएम मोदी, कहा-सूर्य है विश्व की आत्मा

इस कार्यक्रम में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री और 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

Updated on: 11 Mar 2018, 02:57 PM

नई दिल्ली:

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पहले इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) समिट का उद्घाटन किया। इस समिट का उद्घाटन नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में किया गया।

इस दौरान वहां मौजूद सभी लोगों को पीएम मोदी ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सूर्य विश्व की आत्मा है। साथ ही कहा कि 2022 तक भारत 100 GW सोलर बिजली पैदा करेगा।

इस कार्यक्रम में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका समेत 23 देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 10 देशों के मंत्री और 121 देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सोलर एनर्जी सेक्टर में भारत और फ्रांस की बड़ी पहल माना जा रहा है। करीब तीन साल पहले गुरुग्राम में आईएसए हेडक्वार्टर की नींव रखी गई थी।

उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'भारत में वेदों ने हजारो साल पहले से सूर्य को विश्व की आत्मा माना है। भारत में सूर्य को पूरे जीवन का पोषक माना गया है। जब हम जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौती से निपटने का रास्ता ढूंढ रहे हैं तो हमे प्राचीन दर्शन के संतुलन और समग्र दृष्टिकोण की ओर देखना होगा।'

पीएम ने कहा, 'भारत में हमने दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार कार्यक्रम शुरू किया है। हम 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा से 175 GW बिजली उत्पन्न करेंगे जिसमें से 100 GW बिजली सौर से होगी। हमने इसमे से 20 GW तक सौर ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लिया है।'

उन्होंने कहा, 'पूरी मानवता की भलाई चाहते हैं तो मुझे विश्वास है कि निजी दायरों से बाहर निकलकर एक परिवार की तरह हम उद्देश्यों और प्रयासों में एकता और एकजुटता ला सकेंगे। यह वही रास्ता है जिससे हम प्राचीन मुनियों की प्रार्थना- तमसो मा ज्यातिर्गमय' को चरितार्थ कर पायेंगे।'

अब तक करीब 90 देशों ने फ्रेमवर्क पर अपना हस्ताक्षर किए हैं। एक्‍सपर्ट्स का कहना है कि इस समिट के बाद आईएसए का कामकाज शुरू हो जाएगा। काम शुरु होने पर भारत के सोलर सेक्‍टर को फायदा होगा।

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