पीएम मोदी ने विशेष डाक टिकट और 100 रुपए का सिक्का जारी किया, कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष दिवस समारोह में भाग लिया.
नई दिल्ली :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष दिवस समारोह में भाग लिया. शताब्दी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट और 100 रुपए का सिक्का जारी किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने लखनऊ विश्वविद्यालय परिवार को 100 वर्ष पूरा होने पर हार्दिक शुभकामनाएं. दी. उन्होंने कहा कि 100 वर्ष का समय सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है. इसके साथ अपार उपलब्धियों का एक जीता जागता इतिहास जुड़ा है.
उन्होंने आगे कहा कि बहुत सारे महान नाम हैं जो लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े हैं. विश्वविद्यालय ने आधुनिक भारत को कई महान व्यक्तित्व दिए. मैं उन लोगों के साथ-साथ विश्वविद्यालय को भी इसके लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.
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पीएम मोदी ने आगे कहा कि कल जब हम भारत के लोग अपना संविधान दिवस मनाएंगे, हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस और अन्य लोगों के समर्पण को याद करेंगे जिन्होंने संविधान की नींव रखी थी.
वर्चुअली शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, 'आज हम देख रहे हैं कि देश के नागरिक कितने संयम के साथ कोरोना की इस मुश्किल चुनौती का सामना कर रहे हैं. देश को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाले नागरिकों का निर्माण शिक्षा के ऐसे संस्थानो में ही होता है. लखनऊ यूनिवर्सिटी दशकों से अपने इस काम को बखूबी निभा रही है.'
पीएम मोदी ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ उच्च शिक्षा का ही केंद्र नहीं होती, ये ऊंचे संकल्पों, ऊंचे लक्ष्यों को साधने की एक बहुत बड़ी ऊर्जा भूमि होती है. ये हमारी भीतर की ताकत को जगाने की प्रेरणा स्थली भी है.
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पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम कई बार अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग नहीं करते हैं. यही समस्या पहले सरकारी तौर तरीकों में भी थी.रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री में वर्षों पहले निवेश हुआ, संसाधन लगे, मशीनें लगीं, बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई, लेकिन कई वर्षों तक वहां सिर्फ डेंटिंग-पेंटिंग का ही काम होता था.
उन्होंने आगे कहा कि 2014 के बाद हमने सोच बदली, तौर तरीका बदला. परिणाम ये हुआ कि कुछ महीने में ही यहां से पहला कोच तैयार हुआ और आज यहां हर साल सैकड़ों कोच तैयार हो रहे हैं. सामर्थ्य के सही इस्तेमाल का ये एक उदाहरण है.
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एक जमाने मे देश मे यूरिया उत्पादन के बहुत से कारखाने थे, लेकिन बावजूद इसके काफी यूरिया भारत बाहर से इंपोर्ट करता था. इसकी बड़ी वजह है थी कि जो देश के खाद कारखाने थे वो अपनी पूरी क्षमता से कार्य ही नहीं करते थे.हमने सरकार में आने के बाद एक के बाद एक नीतिगत निर्णय लिए.इसी का नतीजा है कि आज देश में यूरिया कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं.
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