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पीएम मोदी गुरुवार को करेंगे दुनिया के चौथे सबसे बड़े एयरपोर्ट का शिलान्यास

सरकार दावा कर रही है कि पहले चरण में कमर्शियल उड़ान शुरू कर दी जाएगी, जो साल 2024-25 के बीच उड़ेगी. माना जा रहा है कि सब ठीक रहा तो पहला चरण 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा.

Updated on: 24 Nov 2021, 11:45 PM

highlights

  • 2024-25 में पहले चरण में उड़ेगी पहली उड़ान 
  • हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा एयरपोर्ट
  • ज़ेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 2024 में होगा पूरा

नई दिल्ली:

नोएडा ग्रेटर नोएडा के साथ पूरे दिल्ली एनसीआर के लिए गुरुवार को बड़ा खास दिन होने वाला है, क्योंकि पीएम मोदी दुनिया का चौथा सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करने जा रहे हैं. इस एयरपोर्ट को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से मिलकर 1334 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया, जो इतना आसान नहीं था. इस एयरपोर्ट को चार चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें सरकार दावा कर रही है कि पहले चरण में कमर्शियल उड़ान शुरू कर दी जाएगी, जो साल 2024-25 के बीच उड़ेगी. माना जा रहा है कि सब ठीक रहा तो पहला चरण 3 साल में पूरा कर लिया जाएगा.

गुरुवार के कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ होंगे उत्तर प्रदेश के सीएम और कई कैबिनेट मंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, जनरल वीके सिंह के अलावा कई कैबिनेट मंत्री और सांसद मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम की शुरुआत मेगा प्रोजेक्ट के लिए तैयार की गई जेवर एयरपोर्ट फ़िल्म दिखाकर की जाएगी, जिसमें एयरपोर्ट से संबंधित तमाम जानकारियां मौजूद होंगी.

उत्तर प्रदेश चुनाव को जोड़कर के भी इसे देखा जा रहा है

एयरपोर्ट का शिलान्यास उत्तर प्रदेश के चुनाव पर भी इसका असर डालेगा. खास तौर पर नोएडा, ग्रेटर नोएडा में विकास का मॉडल सरकार पेश करेगी, ताकि एयरपोर्ट से 2022 की विकासगाथा का चुनाव के समय बेहतर इस्तेमाल हो सके.

7 करोड़ सालाना यात्री का बोझ होगा ज़ेवर एयरपोर्ट पर

जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 36 महीनों में पूरा किया जाएगा और मुमकिन है कि 2024 में इसकी पहली कमर्शियल फ्लाइट टेक ऑफ कर जाए, पहले चरण में करीब 1 करोड़ 20 लाख सालाना हवाई यात्री इस एयरपोर्ट से सफ़र कर पाएंगे. अंतिम चरण में ये एयरपोर्ट सालाना 7 करोड़ यात्री को संभालने के लिए तैयार हो जाएगा, जेवर एयरपोर्ट से पहले चरण में सिर्फ घरेलू उड़ान ही शुरू की जाएगी. माना जा रहा है कि दूसरे चरण में अंतराष्ट्रीय ऑपरेशन की शुरुआत कर दी जाएगी जो अगले 2027-28 में बनकर तैयार कर दिया जाएगा.

खर्च और सुविधाएं

जेवर एयरपोर्ट को ग्रीन एयरपोर्ट के तर्ज पर डिज़ाइन किया जाएगा, जिसमें इस्तेमाल होने वाली ऊर्जा को एयरपोर्ट ख़ुद पैदा करेगा और इस्तेमाल करेगा. इसके साथ में इसके पहले चरण में करीब 8916 करोड़ का व्यय होगा. इसके साथ उत्तर प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास पर करीब 4326 करोड़ का खर्च कर रही है.

एयरपोर्ट बनने से ग्रेटर नोएडा में आएगा 10 से 35 हज़ार करोड़ का निवेश

उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है कि जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के पूरा होने से 10 हज़ार करोड़ का निवेश तमाम बड़ी कंपनियों की तरफ से ग्रेटर नोएडा को मिलेगा और इसके पूरा होने पर 35 हज़ार करोड़ का निवेश होगा, जिसमें तमाम मल्टीनेशनल कंपनियां अपना पॉज़िटिव रुझान दे रही हैं. इसके साथ 1 लाख से ज़्यादा नौकरियां मिलेंगी.

ग्रेटर नोएडा फ़िल्म सिटी को मिलेगा बेहतर कनेक्टिविटी का ऑप्शन

जेवर एयरपोर्ट के साथ ग्रेटर नोएडा फ़िल्म सिटी का काम भी तेज हो चुका है ख़ास तौर पर कुछ सालों में बेहतर कनेक्टिविटी की वज़ह से फ़िल्म निर्माता, निर्देशक इस जगह आसानी से पहुंच कर अपना काम कर सकेंगे.