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Svamitva Scheme: PM मोदी स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से आज करेंगे बातचीत, ई-प्रॉपर्टी कार्ड करेंगे वितरित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में स्वामित्व (ग्रामों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी के साथ मैपिंग) योजना के लाभार्थियों से बातचीत करेंगे। ।

Updated on: 06 Oct 2021, 08:09 AM

highlights

  • गांवों में लोगों के उनके आवास का मालिकाना हक देगी।
  • इससे ग्रामीणों को अपनी संपत्ति पर बैंक लोन और अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी।
  • आधुनिक तकनीक एवं ड्रोन का उपयोग करते हुए जमीन की मैपिंग होगी।

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मध्य प्रदेश में स्वामित्व (ग्रामों का सर्वेक्षण और ग्राम क्षेत्रों में इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी के साथ मैपिंग) योजना के लाभार्थियों से बातचीत करेंगे। कार्यक्रम दोपहर 12:30 बजे होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार, वह इस अवसर पर योजना के तहत 1,71,000 लाभार्थियों को ई-प्रॉपर्टी कार्ड भी वितरित करेंगे। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को संपत्ति का अधिकार प्रदान करना है। इस स्कीम से लोग ऋण और अन्य वित्तीय लाभ लेने के लिए सक्षम बन सकेंगे। इससे ग्रामीण नियोजन और संपत्ति कर के निर्धारण के लिए भूमि अभिलेखों का निर्माण भी होगा।

पंचायत राज विभाग की योजना है स्वामित्व

पंचायत राज विभाग की ओर से स्वामित्व योजना को शुरू किया गया है। इस उद्देश्य गांवों में लोगों को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत तकनीक का उपयोग करते हुए लोगों के आवास की ड्रोन की मदद से मैपिंग की जाती है और उसका मालिकाना हक पात्र लोगों को सौंपा जाता है। गांवों में ऐसे कई जमीन हैं, जिनके मालिकाना हक को लेकर विवाद है। इन जमीनों  पर मालिकाना हक साबित करने को लेकर लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं। इस योजना की मदद से ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना भी है।

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संपत्ति पर मिलेगा मालिकाना हक

दरअसल संपत्ति का मलिकाना हक मिल जाने पर ग्रामीण उस पर बैंक लोन और अन्य सुविधाएं प्राप्त कर सकते हैं। पंचायत राज विभाग के अनुसार देश भर के ग्रामीण इलाकों में सर्वे का काम 2020 से 2024 तक चार वर्षों तक चरणबद्ध तरह से किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से संपत्ति एवं कानूनी विवादों का खात्मा हो सकेगा। संपत्ति का रिकॉर्ड ऑनलाइन होने के कारण लोग इसका ब्योरा ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनलाइन जांच सकेंगे।