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'चौरी चौरा' घटना के 100 साल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 फरवरी को करेंगे कार्यक्रम का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की 'चौरी चौरा' घटना इतिहास के पन्नों पर दर्ज है. 4 फरवरी 1921 को गोखपुर के एक छोटे से कस्बे चौरी-चौरा में जो हुआ वह इतिहास बन गया.

Updated on: 02 Feb 2021, 03:51 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की 'चौरी चौरा' घटना इतिहास के पन्नों पर दर्ज है. 4 फरवरी 1921 को गोखपुर के एक छोटे से कस्बे चौरी-चौरा में जो हुआ वह इतिहास बन गया. 4 फरवरी 2021 यानी गुरुवार को 'चौरी चौरा' घटना के 100 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस मौके पर शताब्दी समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री इस घटना पर एक डाक टिकट भी जारी करेंगे, जो आम लोगों को इस घटना की याद दिलाएगी.

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उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम राज्य के सभी 75 जिलों में 4 फरवरी 2021 से शुरू होगा और 4 फरवरी 2022 तक जारी रहेगा. इस पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे. आपको बता दें कि 4 फरवरी 1922 को हुई इस घटना में भारतीयों ने ब्रिटिश पुलिस चौकी में आग लगा दी थी, जिसमें चौकी के अंदर छुपे हुए 23 पुलिसकर्मी जिंदा जल के मर गए थे.

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इसके बाद ही महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया था. इसी घटना के बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक नया अध्याय जुड़ा और भारत की आजादी में शामिल क्रांतिकारियों की 'नरम दल' और 'गरम दल' बने थे. चौरी-चौरा के इस घटना की पृष्ठभूमि 1857 के गदर से ही तैयार होने लगी थी. जंगे आजादी के पहले संग्राम (1857) में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ पुर्वांचल के तमाम रजवाड़ों, जमीदारों (पैना, सतासी, बढ़यापार नरहरपुर, महुआडाबर) की बगावत हुई थी. इस दौरान हजारों की संख्या में देशप्रेमी शहीद हुए थे.