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पीएम मोदी ने कहा, आंकड़ों से पकड़ें भ्रष्टाचार, अघोषित आय का भी लगाएं पता

जीएसटी के तहत सालाना 20 लाख कम बिक्री करने वाले व्यापारियों का पंजीकरण अनिवार्य नहीं है।

Updated on: 01 Sep 2017, 11:50 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्स अधिकारियों को आंकड़ों का उपयोग कर अघोषित आय और बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिये कहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2022 तक टैक्स प्रशासन में सुधार का लक्ष्य हासिल करे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्लैक मनी से जुड़े आंकड़ों का पता लगाया जाए जिससे कालेधन की जांच सही दिशा में तेजी से आगे बढ़ाई जा सके।

प्रधानमंत्री ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि लंबित पड़े मामलों का जल्द निपटारा करें और एक ऐसा माहौल बनाएं ताकि ईमानदार कर दाताओं के मन में विश्वास पैदा किया जा सके और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराधान अधिकारियों से कहा कि वे छोटे व्यापारियों, जिनकी सालाना बिक्री 20 लाख रुपये से कम हो, का भी जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के तहत पंजीकरण कराने का लक्ष्य रखें।

उन्होंने यहां आयोजित केंद्र और राज्य के कर अधिकारियों के दो दिवसीय 'राजस्व ज्ञान संगम' में कहा, 'जीएसटी के तहत सभी व्यापारियों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए, हमें सुनिश्चित करना होगा कि 20 लाख से कम बिक्री करने वाले व्यापारी भी जीएसटी के तहत पंजीकृत हों।'

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मोदी ने कहा कि दो महीनों में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में 17 लाख नए व्यापारी जोड़े गए हैं।

उन्होंने कहा कि जीएसटी के अलावा आर्थिक एकीकरण भी प्रणाली में पारदर्शिता लाने में मदद करता है।

मोदी ने कहा कि ईमानदारों को बेइमानों के खराब कर्म की कीमत चुकानी जारी नहीं रखनी चाहिए।

इस संबंध में उन्होंने बताया कि सरकार ने नोटबंदी करके और काले धन व बेनामी संपत्ति के खिलाफ कड़े कानून बनाकर कई कदम उठाए हैं।

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