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SCO Summit : रूस और चीन के राष्‍ट्रपति से मुलाकात करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें 10 बड़ी बातें

इमरान खान से पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है और भारत इस बारे में अपना रुख पहले ही स्‍पष्‍ट कर चुका है.

Updated on: 13 Jun 2019, 12:39 PM

नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) किर्गिस्‍तान के शहर बिश्‍केक में एससीओ (SCO) सम्‍मिट में शामिल होने के लिए रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी गुरुवार और शुक्रवार यानी 13 और 14 जून को एससीओ के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी वहां रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग (XI Jinping) से भी मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय संबंधों पर भी इस दौरान चर्चा की जाएगी. उधर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी आज ही बिश्‍केक पहुंच रहे हैं. हालांकि इमरान खान से पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है और भारत इस बारे में अपना रुख पहले ही स्‍पष्‍ट कर चुका है. आइए जानते हैं एससीओ सम्‍मिट की 10 बड़ी बातें:

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    1. एससीओ सम्‍मिट में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी बिश्‍केक के लिए रवाना हो गए हैं. थोड़ी ही देर में वे वहां पहुंच जाएंगे.
    2. पीएम नरेंद्र मोदी ने एससीओ सम्‍मिट में जाने के लिए पाकिस्‍तान के एयर स्‍पेस का इस्‍तेमाल नहीं किया.
    3. आज ही पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय मुलाकात का कार्यक्रम है.
    4. पीएम नरेंद्र मोदी की इमरान खान से मुलाकात का कोई कार्यक्रम नहीं है. भारत इस बारे में अपना रुख पहले ही साफ कर चुका है.

  1. भारत और पाकिस्‍तान के बीच किसी तरह की द्विपक्षीय बातचीत की कोई संभावना नहीं है. हालांकि हाल ही में इमरान खान ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर साथ मिलकर काम करने की इच्‍छा जताई थी.
  2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को ही रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन से भी द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर बातचीत करेंगे.
  3. दोबारा जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह तीसरा विदेश दौरा है. इससे पहले वे मालदीव और श्रीलंका जा चुके हैं.
  4. पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी आज ही एससीओ सम्‍मिट में शामिल होने के लिए बिश्‍केक पहुंच रहे हैं
  5. एससीओ का उद्देश्‍य मध्‍य एशिया में अमेरिका के बढ़ते प्रभुत्‍व को रोकना है.
  6. एससीओ को पहले शंघाई-5 के नाम से जाना जाता था.