पीएम नरेंद्र मोदी को जिंदगी भर रहेगा इस बात का मलाल, पढ़ें पूरी खबर

कर्तव्‍यपथ को सदैव सर्वोच्‍च रखने वाले पीएम नरेंद्र मोदी वो काम नहीं कर पाए, जो एक दोस्‍त के नाते उन्‍हें करना था.

कर्तव्‍यपथ को सदैव सर्वोच्‍च रखने वाले पीएम नरेंद्र मोदी वो काम नहीं कर पाए, जो एक दोस्‍त के नाते उन्‍हें करना था.

author-image
Sunil Mishra
New Update
पीएम नरेंद्र मोदी को जिंदगी भर रहेगा इस बात का मलाल, पढ़ें पूरी खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

भारतीय राजनीति में सफलता के नित नए झंडे गाड़ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बात का दुख जिंदगी भर सालता रहेगा. कर्तव्‍यपथ को सदैव सर्वोच्‍च रखने वाले पीएम नरेंद्र मोदी वो काम नहीं कर पाए, जो एक दोस्‍त के नाते उन्‍हें करना था. उन्‍हें इस बात का मलाल भी है और यह मलाल जिंदगी भर रहेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने अजीज दोस्‍त अरुण जेटली का अंतिम दर्शन भी नहीं कर सके. उनकी अंतिम यात्रा में भी मौजूद नहीं रह पाए, क्‍योंकि वे तब विदेश में थे. इसके लिए उन्‍होंने दुख भी जाहिर किया था. अरुण जेटली उनके लिए कितने प्रासंगिक थे, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दूसरी बार सरकार बनाने से पहले वे मंत्रिमंडल को लेकर विमर्श करने सबसे पहले अरुण जेटली के पास ही गए थे.

Advertisment

यह भी पढ़ें : पी चिदंंबरम की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, आज ही खत्म हो रही है CBI रिमांड

अपने अजीज अरुण जेटली के निधन की ख़बर सुनते ही प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी पत्नी संगीता जेटली को फ़ोन कर सांत्‍वना दी. समाचार एजेंसी एनआई के अनुसार, जेटली के परिवार की तरफ़ से पीएम से कहा गया कि वो इस महत्वपूर्ण दौरे को बीच में छोड़कर नहीं आएं. शनिवार रात बहरीन में पीएम मोदी भारतीयों को संबोधित कर रहे थे. इसी संबोधन में प्रधानमंत्री ने जेटली के घरवालों के साथ न होने को लेकर अफसोस जताया. इस दौरान वे भावुक भी हो गए.

पीएम मोदी बोले, ''मैं कर्तव्य से बंधा हुआ इंसान हूं. एक तरफ़ बहरीन उत्साह और उमंग से भरा हुआ है. भारत में कृष्ण जन्म का उत्सव मनाया जा रहा है. उसी पल मेरे भीतर गहरा शोक, एक गहरा दर्द दबाकर मैं आपके बीच खड़ा हूं. विद्यार्थी काल से जिस दोस्त के साथ सार्वजनिक जीवन के एक के बाद एक क़दम मिलकर चला, राजनीतिक यात्रा साथ-साथ चली, हर पल एक दूसरे के साथ जुड़े रहना, साथ मिलकर जूझते रहना, सपनों को सजाना, सपनों को निभाना, वो दोस्त अरुण जेटली देह छोड़कर चला गया.''

यह भी पढ़ें : पाकिस्तान में छाए राहुल गांधी, पाक मीडिया ने बनाया पोस्टर बॉय, ये है वजह

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ''कल्पना नहीं कर सकता कि मैं इतनी दूर यहां बैठा हूं और मेरा दोस्त चला गया. इसी महीने पूर्व विदेश मंत्री सुषमा बहन चली गईं और आज मेरा दोस्त अरुण चला गया. बहुत दुविधा का पल है मेरे सामने. एक तरफ़ कर्तव्यों से बंधा हुआ हूं तो दूसरी तरफ़ दोस्ती के भाव से भरा हूं. मैं आज बहरीन की धरती से भाई अरुण को आदर पूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं. इस दुख की घड़ी में ईश्वर मेरे दोस्त के परिवारजनों को शक्ति दे. मैं इसके लिए प्रार्थना करता हूं.''

पीएम मोदी के बयान से साफ़ है कि वो चाहकर भी अरुण जेटली की आख़िरी विदाई में शरीक नहीं होने को लेकर विवश थे. प्रधानमंत्री का कार्यक्रम पहले से ही काफ़ी व्यस्त है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

Arun Jaitley PM Narendra Modi
      
Advertisment